रूस के लिए खतरे की घंटी 2 यात्रियों को अंतरिक्ष भेज कर…टूटे

अंतरिक्ष की होड़ 1950 के दशक से ही अमेरिका और सोवियत संघ के बीच लगी हुई है और शुरुआत से ही रूस ने इसमें हमेशा बाजी मारी है। पहला अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष में पहला व्यक्ति भी रूस ने ही सबसे पहले भेजा था। जिसके बाद अमेरिका ने चांद पर सबसे पहले इंसान को भेजकर रूस का वर्चस्व तोड़ा, अमेरिका का वर्चस्व काफी सालों तक चल फिर 2003 में अमेरिका थोड़ा पीछे चला गया।

2003 में कोलंबिया हादसे के बाद अमेरिका ने अपना स्पेस शटल अभियान बंद कर दिया था और आखरी बार 2011 में अपनी धरती से अंतरिक्ष यात्री आईएसएस भेजें, इसके साथ ही रूस का अंतरिक्ष में इंसान भेजने का एक एकछत्र राज रह गया, अमेरिका ने भी रूस से ही आईएसएस तक अपने अंतरिक्ष यात्री भिजवाए थे।

सालों से अंतरिक्ष में लोगों को भेजने के लिए रूस का एकछत्र राज था लेकिन अब अमेरिका की निजी कंपनी ने 2 यात्रियों को अपने यान से अंतरिक्ष भेज कर रूस के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इसके साथ रूस के लिए कई संदेश भी दिए गए जिसमें कहा जा रहा है कि रूस के लिए एक चेतावनी भी छिपी हुई है।दुनिया में आज भी अंतरिक्ष अभियान को एक ताकत के तौर पर देखा जाता है।

जिसके चलते रूस को अब सालाना नुकसान 20 करोड़ डॉलर हो सकता है, वहीं रोसकोसमोस को नुकसान 2 अरब डॉलर तक हो सकता है रूस के लिए आसान नहीं होगा, स्पेस एक्स सस्ते इंजन और सभी पुर्जे खुद ही बनाता है।