30 अप्रैल: गंगा सप्तमी के पावन पर्व पर जानिये आखिर क्या है भगवान् शिव व गंगा की कथा

आज 30 अप्रैल, वैशाख शुक्ल सप्तमी के दिन गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाएगाये दिन गंगा सप्तमी के रुप में मनाया जाता है, इसे गंगा जन्मोत्सव भी कहते हैं।

शास्त्रों ने गंगा को मोक्षदायिनी कहा है। हिंदू धर्म में ऐसा भी माना जाता है की जब तक मृत व्यक्ति की अस्थियां गंगा में प्रवाहित न की जाएं, उसे मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती। पुराणों ने गंगा को मन्दाकिनी रूप में स्वर्ग, गंगा के रूप में पृथ्वी व भोगवती रूप में पाताल में प्रवाहित होते हुए वर्णित किया गया है।

महादेव ने अपनी जटा से गंगा को सात धाराओं में अलग-अलग किया। जिनमें नलिनी, ह्लदिनी व पावनी पूर्व में, सीता, चक्षुस व सिन्धु पश्चिम में व सातवीं धारा भागीरथी प्रवाहित हुई। पौराणिक आख्यान के अनुसार ये भी कहा जाता है की गंगा हिमालय व मैना की बेटी और भगवान शिव की अद्धागिनि उमा की बहन हैं। गंगा का सम्बन्ध कार्तिकेय के मातृत्व से भी माना जाता है।