अमेरिका ने चीन को दी ये बड़ी चुनौती , शुरू हो सकती जंग

अमेरिका का 46वां राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडन ने चीन के अपने समकक्ष शी जिनपिंग से फोन पर बात की थी. उन्होंने फोन पर दो घंटे तक बातचीत की थी. उन्होंने कहा, ‘यह बहुत सीधी-सी बात है.

वह लोकतांत्रिक नहीं है लेकिन वह बहुत होशियार शख्स हैं. वह पुतिन की तरह हैं, जो सोचते हैं कि निरंकुशता भविष्य की लहर है. इस जटिल विश्व में लोकतंत्र काम नहीं कर सकता.’

बाइडन ने कहा कि उन्होंने यह साफ कर दिया है कि अमेरिका घर में ही अपनी इकोनॉमी और लोकतंत्र में निवेश करेगा. चीन के साथ भविष्य की तकनीकों पर प्रतिस्पर्धा करेगा और मानवाधिकार के समर्थन में बात करेगा.

‘मैं आपके लिए भविष्यवाणी करता हूं कि आपके बच्चे या नाती पोते अपनी डॉक्टरेट की थीसिस इस मुद्दे पर कर रहे हैं कि कौन सफल हुआ, निरंकुशता या लोकतंत्र, क्योंकि वही है.

जो दांव पर है.’ उन्होंने कहा ‘केवल चीन के साथ ही नहीं, दुनिया भर में देखें. हम भारी परिणामों वाले चौथी औद्योगिक क्रांति के बीच हैं. क्या यहां मध्यम वर्ग होगा?

लोग कैसे विज्ञान और तकनीक के बदलावों के बीच एडजस्ट कर पाएंगे.’ बाइडन ने कहा ‘यह एकदम साफ है… यहां 21वीं सदी में लोकतंत्र और निरंकुशता के बीच जंग है. हमें यह साबित करना होगा की लोकतंत्र काम करता है.’

पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाइडन से सवाल किया गया कि वे बीजिंग पर टैरिफ या बंधुआ मजदूरी से तैयार हुए चीनी माल पर प्रतिबंध जारी रखेंगे या नहीं. इस पर राष्ट्रपति ने कहा कि ये सवाल एकदम वैध हैं.

‘लेकिन चीन के साथ संबंधों के मामले में ये बेहद कम क्षेत्र तक ही रह गए हैं.’ इसके बाद बाइडन दोबारा विश्व और देश के सामने मौजूद चुनौती के विश्लेषण पर वापस आ गए.

जो बाइडन (Joe Biden) पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति (US President) के रूप में प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने चीन, लोकतंत्र (Democracy) समेत कई मुद्दों पर चर्चा की.

गुरुवार को बाइडन ने चीन, रूस और विश्व स्तर पर हो रहे बदलावों को अमेरिका के लिए चुनौती के तौर पर बताया है. उन्होंने इस दौरान 21वीं सदी में लोकतंत्र और एकतंत्र के बीच जंग को लेकर भी बात की है.

इस दौरान उन्होंने कहा है कि बीजिंग सबसे बड़ी चुनौती हो सकता है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस इस संवाददाता सम्मेलन में दो विदेशी संवाददाता समेत विभिन्न मीडिया संगठनों के 30 पत्रकार शामिल हुए थे.