भारत के सख्त रवैये के बाद चीन के बदले सुर, कहा अगर…

उधर चीन के विदेश और रक्षा मंत्रालयों ने अलग-अलग बयानों में बीजिंग के रुख को दोहराया कि पूर्वी लद्दाख में 15 जून को हुई दोनों देशों के सैनिकों की झड़प के लिए भारतीय सेना के आक्रामक रवैये को ही जिम्मेदार बताया.

उसने भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय मीडिया पर सीमा तनाव के दौरान “कुछ गलत रिपोर्टें” देने का आरोप लगाया. कर्नल वू कियान ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि भारत और चीन एक-दूसरे के साथ बैठक करेंगे, दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमतियों को प्रभावी तरीके से लागू करेंगे, दोनों पक्षों के बीच करारों का सख्ती से पालन करेंगे और सभी स्तर पर वार्ता तथा संवाद के माध्यम से प्रासंगिक मुद्दों को उचित तरीके से सुलझाते रहेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्षों को सीमा पर मौजूदा हालात को शांत करने तथा शांति एवं स्थिरता बनाकर रखने के लिए संयुक्त प्रयास करने चाहिए.’

चीनी विदेश मंत्रालय ने भी कहा- शांति ही विकल्पविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि दोनों पक्षों के विदेश मंत्रियों ने 17 जून को फोन पर बातचीत के दौरान इस गंभीर मसले पर न्यायोचित तरीके से निपटने पर सहमति जताई थी. हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय विदेश मंत्रालय और भारतीय मीडिया ने कुछ गलत रिपोर्टें दीं.

उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्ष कमांडर स्तर की वार्ता में हुई सहमति का पालन करेंगे और हालात को यथासंभव जल्द शांत करेंगे. दोनों पक्ष अब तक हुए समझौते के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन बनाकर रखेंगे.’

नई दिल्ली में जब रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से पूछा गया कि क्या दोनों देशों के रक्षा मंत्री फोन पर बात कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है.भारत (India) के सख्त रवैये के बाद चीन (China) के रुख नरम पड़ते नज़र आ रहे हैं.

चीन और भारत को ‘एक दूसरे का महत्वपूर्ण पड़ोसी’ बताते हुए बीजिंग ने बुधवार को कहा कि चीन-भारत सीमा (India-China Border Dispute) पर अमन-चैन बनाकर रखना दोनों पक्षों के साझा हितों में है और इसके लिए संयुक्त प्रयासों की जरूरत है.

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने कहा- चीन और भारत एक-दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं. सीमा क्षेत्र में अमन-चैन बनाकर रखना दोनों पक्षों के साझा हितों में शामिल है और इसके लिए संयुक्त प्रयासों की भी जरूरत होगी.’