आखिरकार निर्भया के दोषियों ने बताई अपनी आखिरी इच्छा, कहा हमें एक बार…

मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन ने अपनी आखिरी इच्छा के तौर पर अपनी बेटी से मिलने की इच्छा जताई थी। हालांकि जेल प्रशासन ने उसे अपनी बेटी से मिलने नहीं दिया लेकिन उसकी बेटी से फोन पर बात कराई थी।

 

भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु ने जेल प्रशासन को कोई आखिरी इच्छा नहीं बताई थी। उसने फांसी के पहले अपना ज्यादातर वक्त किताबें पढ़ने में बिताया था।

जब उसे फांसी दी जा रही थी उसके पहले उसे चाय ऑफर की गई थी। जब तक उसने चाय पी उस वक्त तक उसने जेल के अधिकारियों से बात की।

इसके बाद उसने और चाय मांगी लेकिन जेल में चाय बनाने वाला आदमी तब तक जा चुका था। इस वजह से उसकी यह आखिरी इच्छा पूरी नहीं हो सकी।

पाकिस्तान के आतंकी अजमल कसाब को 26/11 मुंबई हमले में दोषी पाया गया था। इसके बाद उसे फांसी की सजा दी गई थी। Ajmal Kasab ने फांसी से पहले अपनी आखिरी इच्छा नहीं बताई थी।

येरवडा जेल में उसे फांसी दी गई थी। जेल अधिकारियों के मुताबिक फांसी के दौरान अजमल बेहद डरा हुआ था और फांसी देने से पहले उसने काफी झूमाझटकी भी की थी।

बच्ची से दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने वाले दो दुर्दांत अपराधियों बिल्ला और रंगा को भी फांसी दी गई थी। फांसी देने के एक रात पहले बिल्ला ने जहां पेट भरकर खाना खाता था, वहीं रंगा रात भर जो ‘बोले निहाल’ चिल्लाता रहा था। दोनों ने ही मरने के पहले कोई अंतिम इच्छा नहीं जताई थी।

निर्भया के चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दिए जाने का डेथ वारंट जारी हुआ है। अगर आगे कोई कानूनी अड़चन नहीं आई तो सभी को फांसी दी जाना तय है।

फांसी के पहले हर कैदी से अंतिम इच्छा पूछने का नियम है। जेल प्रशासन ने निर्भया के दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय से उनकी आखिरी इच्छा पूछी थी, लेकिन वे इसे लेकर अब तक खामोश हैं।

बता दें कि पिछले तीन दशकों में Yakub Memon से लेकर Afzal Guru तक कई आतंकियों को फांसी की सजा दी गई है। इन आतंकियों में से किसी ने सजा से पहले अपनी अंतिम इच्छा बताई थी तो कोई खामोश रहा था। जेल प्रशासन ने इसमें से ज्यादातर दोषियों की अंतिम इच्छा पूरी की थी।