एक बार फिर 109 किलोमीटर मेरठ-पानीपत रेल लाइन की उम्मीदों में पंख लगने प्रारम्भ हुए है. पिछले कई सालों से सर्वे में उलझी रेलवे लाइन का रूट फाइनल कर प्रदेश सरकार ने रेलवे मंत्रालय को भेज दिया है.
इस रेलवे लाइन को मेरठ से वाया सरधना-दौराला-बुढ़ाना-ऐलम होते हुए निकाला जाएगा
. इस रूट को केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ
। संजीव बालियान
व रेलवे ने तैयार किया था
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हर बार इस रेलवे लाइन के सर्वे के लिए बजट में धन आवंटित किया जाता रहा है. लेकिन यह रेलवे लाइन फाइल में उलझकर रह जाती है. अब रूट के फाइनल हो जाने के बाद आसार बढ़ गई हैं. हालांकि, इस रेलवे रूट को लेकर बागपत व मुजफ्फरनगर सांसदों में मतभेद भी रहा.
बागपत सांसद डा। सत्यपाल सिंह इसे बड़ौत-टटीरी-ऐलम से निकालने की वकालत कर चुके हैं. इस रूट पर रेलवे ने लोकसभा चुनाव से पहले सर्वे किया था. इसकी सर्वे रिपोर्ट अभी तैयार नही हुई है.
जो रूट फाइनल, उसका सर्वे हो चुका
जिस रूट को प्रदेश सरकार ने फाइनल कर रेल मंत्रालय को भेजा है उसका सर्वे पहले ही किया जा चुका है
. रेल बजट 2016-17 में भी रेलवे लाइन के सर्वे के लिए 3-4 लाख बजट दिया गया था
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पश्चिमी यूपी को नयी रेलवे लाइन
इस रेल लाइन के काम प्रारम्भ हो जाने के बाद पश्चिमी यूपी को भी नयी रेलवे लाइन मिल जाएगी. इस रेलवे लाइन को जोड़ने का प्रस्ताव डेढ़ दशक पुराना है । पहली बार 1991-2000 के बीच सर्वेक्षण की कार्ययोजना तैयार की गई थी. 2011 में रेल बजट पेश करते हुए तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने भी 190 रेल लाइनों में इसे शामिल किया था.
रेल मंत्री से मिलकर पैसे की मांग
केंद्रीय मंत्री डॉ
। संजीव बालियान ने पिछले दिनों रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिलकर इस रेलवे लाइन के लिए बजट में पैसे देने की मांग रखी
. अमर उजाला से
वार्ता करते हुए बालियान ने बताया कि प्रदेश सरकार ने रूट फाइनल कर रेल मंत्रालय को भेज दिया है
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इस रूट का सर्वे कर चुके
उत्तर रेलवे के मुख्य अभियंता निर्माण/सर्वे देशरत्न गुप्ता का बोलना है कि इस रूट का सर्वे हम कर चुके है. रूट फाइनल होने के बाद रेल मंत्रालय से रेलवे बोर्ड जाता है. अभी इस बारे में मुझे कोई सूचना नही है.