7 वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन को बढ़ाए जाने और पुरानी पेंशन बहाल किए जाने समेत कई अन्य मांगों को लेकर आँल । इस मौके पर उन्होंने बताया कि केंद्रीय कर्मियों की बातों पर ध्यान नहीं दिए जाने से रेल कर्मियों में बहुत नाराजगी है। महामंत्री ने उन्हें याद दिलाया कि जुलाई 16 में जब एनजेसीए ने प्रस्तावित हडताल स्थगित की थी, उस समय गृहमंत्री की अगुवाई में गवर्नमेंट ने केंद्रीय कर्मियों से कई वायदे किए थे। लेकिन उनमें से कोई मांग पूरी नहीं हुई है। ऐसे में रेल कर्मचारियों को आर पार की लड़ाई के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
गृहमंत्री ने भरोसा दिलाया कि हम कर्मचारियों को नाराज नहीं रहने देंगे। राष्ट्र भर के रेलकर्मचारियों ने एआईआरएफ के आह्वान पर 4 अक्टूरबर को “काला दिवस” मनाया। काला दिवस का मुख्य मुद्दा था लारजेस। एआईआरएफ ने लारजेस स्कीम की आरंभ के लिए बहुत ज्यादा प्रयत्न किया व सही मायने में इस स्कीम से रेलवे को ही लाभ हो रहा है, फिर भी इस स्कीम को समाप्त करने की साजिश की जा रही है। यहां तक की रेलवे बोर्ड ने 26 सितंबर 18 को लारजेस स्कीम को खत्म करने का फरमान ही जारी कर दिया। समाचार मिलते ही आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने इस मामले में रेलवे बोर्ड चेयरमैन से बात की औऱ बोला कि ये स्कीम बहुत ज्यादा प्रयासों व प्रयत्न के बाद एआईआरएफ ने हासिल की है, इसे इस तरह आकस्मित समाप्त किया जाना अच्छा नहीं है। महामंत्री के विरोध के बाद बोर्ड चेयरमैन ने 24 घंटे के भीतर एक संशोधित आदेश जारी कर अपने 26 सितंबर 18 वाले आदेश को रद्द कर दिया, लेकिन उन्होंने लारजेस स्कीम तहत तैनाती की आरंभ नहीं की, बल्कि इस मामले को होल्ड ( स्थगित ) कर दिया। रेलवे बोर्ड के इस तुगलकी फरमान के विरूद्ध एआईआरएफ ने 4 अक्टूबर को राष्ट्र भर में ” काला दिवस ” मनाने का ऐलान किया था व सभी कर्मचारियों से बोला गया था कि वो अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांध कर कार्य करें।
पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की
ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा गृहमंत्री से बातचीत के दौरान बोला कि पुरानी पेंशन को बहाल किए जाने को लेकर अब रेलकर्मचारी ज्यादा इंतजार नहीं कर सकते। उन्होंने बोला कि आमतौर पर सरकारें कर्मचारियों की समस्याओं का निवारण करते हुए उन्हें नयी नई सुविधाएं देती रही हैं, लेकिन पहली बार देखा जा रहा है कि रेल कर्मचारियों को जो सुविधाएं पहले से हासिल है, उन्हें एक साजिश के तहत बंद किया जा रहा है।
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वर्क टू रूल पर जाएंगे रेल कर्मी
गवर्नमेंट की कर्मचारी विरोधी नीति हमें कत्तई मंजूर नहीं है। महामंत्री ने रनिंग स्टाफ के एलाउंस के बारे में गृहमंत्री को बताया कि आखिर क्या वजह है कि हर बात तय हो जाने के बावजूद रेलमंत्री के यहां फाइल रुकी हुई है। महामंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से बोला कि उन्होंने भरोसा दिया था कि जल्दी ही वो वित्तमंत्री के साथ मीटिंग कराने के साथ ही रेल कर्मचारियों की मांगो को पूरा कराने की प्रयास करेंगे। महामंत्री ने कहाकि रेलकर्मी नाराज है, वो गवर्नमेंट से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं। उन्होंने बताया कि एआईआरएफ ने रेलवे बोर्ड चेयरमैन को नोटिस दे दिया है, जिसमें बोला गया है कि अगर हमारी सभी मांगो पर सहानिभूति पूर्वक विचार कर उसे पूरा नहीं किया जाता है तो हम “वर्क टू रूल” पर चले जाएंगे।