राष्ट्र में तैयार फ्लैट या घर की मांग भविष्य में तेज बनी रहेगी। एक सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि हिंदुस्तान में 2030 तक रीयल एस्टेट का मार्केट 1 समाचार डॉलर तक पहुंच जाएगा। इसके बाद यह संसार का तीसरा सबसे बड़ा रियल एस्टेट मार्केट बन जाएगा। सर्वे रिपोर्ट में बोला गया है कि रीयल एस्टेट की ग्लोबल रैंकिंग में हिंदुस्तान की स्थिति में भी सुधार आ रहा है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
हाल में केपीएमडी ने नार्डेको व अप्रिया के साथ मिलकर रीयल एस्टेट पर यह सर्वे कराया है व इंडियन परिदृश्य को देखते हुए साल 2030 तक के लिए उपर्युक्त अनुमान लगाया है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक रीयल एस्टे के 650 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। साल 2028 तक इसका आकार 850 अरब डॉलर व 2030 तक 1 खरब डॉलर हो जाएगा। इस रिपोर्ट में यह भी बोला गया है कि 2014 से रियल एस्टेट की स्थिति में सुधार प्रक्रिया का प्रभाव आगे भी देखने को मिलेगा।
6.6 करोड़ लोगों के लिए रोजगार होंगे
केपीएमडी के आसियान कॉरिडोर के प्रमुख नीरज बंसल ने बोला कि हिंदुस्तान में यह वृद्धि सस्ते मकानों व को-वर्किंग स्पेस से बढ़ावा मिल रही है। इस वृद्धि के चलते राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में औसत इंडियन का सालाना 67 प्रतिशत सहयोग 2025 तक दोगुना हो जाएगा। साथ ही 6.6 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के मौके भी बनेंगे।
प्राइवेट इक्विटी निवेश में बढ़ोतरी
सर्वे रिपोर्ट में बोला गया है कि हिंदुस्तान के रीयल एस्टेट एरिया में प्राइवेट इक्विटी निवेश में इस वर्ष जनवरी से मार्च के दौरान 15 प्रतिशत के तेजी आई है व यह 3 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इसके 2026 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। रीयल एस्टेट का दायरा महानगरों व बड़े शहरों में तेजी से बढ़ेगा। राष्ट्र के रीयल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेशकों ने अब तक 4 अरब डॉलर का निवेश किया है। औसतन सौदा 15 करोड़ डॉलर का रहा है, जो पिछले पांच वर्ष में सबसे ज्यादा है।