17 वर्ष केहर्षिल आनंद ने बनाई ऐसी टीशर्ट, जो पहनने पर बताएगी हेल्थ स्टेटस

17 वर्ष केहर्षिल आनंद ने ऐसी टीशर्ट बनाई है, जाे पहननेपर हेल्थ स्टेटस बताती है. स्मार्टी टीशर्ट इसे नाम दियागया है. इसे खासकर बुजुर्गों के लिए डिजाइन किया है. हर्षिल ने बोला किजाे बच्चे घर से दूर रहते हैं  अपने माता-पिता का नियमित चेकअप नहीं करा पाते, वो इसके जरिए उनके स्वास्थ्य कीजानकारी ले पाएंगे.

हर्षिल के परिवार के मुताबिक, उसे बचपन से कुछ नया करने का शौक था. उसने कम आयु में ही रोबोट पर कार्य करने के साथ-साथ ड्रोन भी बनाना प्रारम्भ कर दिया था. इसके लिए एक कंपनी बनाई. फिर ऐसी टी-शर्ट डिजाइन की जो आपके हेल्थ डेटा को कलेक्ट करती है  उसे सर्वर पर अपलोड करती है.

ब्लड प्रेशर से लेकर स्ट्रेस लेवल तक जांचती है :

  • इस टीशर्ट में जो चिप लगी है, जो सारे डेटा को क्लाउड सर्वर के जरिए हर पांच सेकंड में अपलोड करती है.
  • यह टीशर्ट बॉडी में ब्लड प्रेशर, ईसीजी, स्ट्रेस लेवल, ब्रीदिंग रेट  हार्ट बीट के डेटा को कलेक्ट करती है. इसके साथ ही इसमें एक पैनिक बटन है, जो इमरजेंसी के वक्त फौरन एप प्रयोग कर रहे आदमी के फोन पर सूचना भेज देती है.

हर्षिल समेत चार विद्यार्थी मिलकर चला रहे कंपनी

हर्षिल बताते हैं कि यह पूरी तरह हेल्थ बेस्ड टीशर्ट है. अभी इस इनोवेशन पर हर्षिल के साथ तीन  लोग कार्य कर रहे हैं. इनमें एक राजस्थान के रोहित दयानी हैं, जो अभी 10वीं के विद्यार्थी हैं. दूसरे नालंदा के रंजन कुमार बीटेक कर रहे हैं. तीसरे झारखंड के त्रिशित प्रमाणिक 12वीं कक्षा में हैं. युवाओं का यह ग्रुप इंटरनेट के जरिए बना है. इनकी दोस्ती वर्चुअली हुई  ये मिलकर विक्युब कंपनी चला रहे हैं. ये चारोंफूड ऑर्डरिंग के प्रोजेक्ट पर भी कार्य कर रहे हैं, जो फूड ऑर्डर करने को बहुत ही आसान बनाएगा.

प्राकृतिक आपदा में चिकित्सा सामग्री पहुंचाने वाला ड्रोन बनाया

हर्षिल को 2017 में अपने ड्रोन इन्वेंशन के लिए पुरस्कार भी मिला है. इन्होंने ऐसा ड्रोन बनाया है जो नैचुरल डिजास्टर की स्थान पर मेडिकल सप्लाई कर सकता है. एप के जरिए आपको बस लोकेशन डालना है जिसके बाद ड्रोन उस लोकेशन पर दवा, बैंडेज आदि पहुंचा सकता है. 11वीं क्लास में पढ़ रहे हर्षिल कोआईआईटी पटना, बीआईटी मेसरा  बीआईए में हाल ही में हुई प्रतियोगिता में अपने इनोवेशन के लिए पुरस्कार मिल चुका है. उन्होंने बताया किबड़े भाई को प्रोजेक्ट बनाते देखमेरे दिमाग में भी आइडिया आते थे. उसके बाद मैंने ड्रोन पर कार्यकरना प्रारम्भ किया.