14 साल बाद मिला दिल्ली को सिग्नेचर ब्रिज

 लंबे वक्त से इंतजार किए जा रहे सिग्नेचर ब्रिज की आखिरकार दिल्ली को सौगाव मिल ही गई। 14 साल साल बाद वजीराबाद में यमुना नदी पर बने इस आठ लेन के पुल का उद्घाटन दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल रविवार को करेंगे। इसके साथ ही सोमवार से ये ब्रिज आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

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इस ब्रिज के बनने से लगातार ट्रैफिक जाम से होने वाले दिक्कतों से मुक्ति मिलेगी। ये ब्रिज उत्तर-पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद और बाहरी दिल्ली को जोड़ेगा। 1998 में यमुना में बस गिरने से 22 छात्रों की मौत के बाद सिग्नेचर ब्रिज बनाने का फैसला लिया गया था।

दिल्ली के ये सबसे बड़ा ब्रिज 154 मीटर ऊंचा, 575 मीटर लंबा और 35.2 मीटर चौड़ा है। ये पिछली 14 साल में 1,518 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है। ब्रिज के रखरखाव के लिए ब्रिज हेल्थ मॉनीटरिंग सिस्टम तैयार किया गया है जिसमें सफाई के लिए यूरोप से मशीने मंगवाई गई है जो इसकी लगातार सफाई का काम संभालेंगी। इसके अलावा ब्रिज पर लगातार नजर बनाए रखने के लिए हाइटेक 104 सेंसर लगे हुए हैं। ये सेंसर ब्रिज की 24 घंटे निगरानी रखेंगे। ये सभी सेंसर एक कंट्रोल रुम से जोड़े गए हैं जो किसी भी आपातस्थिति या फिर ब्रिज में किसी भी तरह की खराबी होने पर तुरंत आगाह करेंगे।

वहीं इस ब्रिज को लेकर राजनीति घमासान भी शुरु हो गया है। ब्रिज के उद्घाटन समारोह में क्षेत्र के भाजपा सांसद मनोज तिवारी को ना बुलाए जाने पर खफा सांसद अपने समर्थकों के साथ समारोह में जाने की घोषणा कर चुके हैं।