केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में तेजी से बड़े निर्णय लेने की तैयारी में है। इसी कड़ी में अब आपको गाड़ी में पेट्रोल-डीज़ल भरवाने के लिए पेट्रोल पंप के चक्कर नहीं काटना पड़ेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नरेन्द्र मोदी सरकार एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार विमर्श कर रही है, जहां आप फुटकर सामान खरीद रहे हों, वहीं आपको पेट्रोल-डीजल भी मिल सके।
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय एक कैबिनेट प्रस्ताव तैयार करने जा रहा है। इसके तहत कंपनियों फुटकर कारोबार में उतरने का मौका मिल सकता है। मौजूदा नियमों मुताबिक ऑयल के खुदरा कारोबार में उतरने के लिए कंपनी के पास घरेलू मार्केट में बुनियादी ढांचा निवेश के लिए 2,000 करोड़ रुपये होने चाहिए या उसे 30 लाख टन कच्चे ऑयल की खरीद के लिए महत्वपूर्ण राशि के बराबर की बैंक गारंटी देनी होगी। सरकार इन नियमों को व सरल कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो फ्यूचर समूह व वॉलमार्ट जैसी मल्टी ब्रांड रिटेल कंपनियां पेट्रोल- डीजल भी बेचने लगेंगी।
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने अक्टूबर 2018 में फ्यूल रिटेल से जुड़े नियमों में परिवर्तन के लिए एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया था। फ्यूल रिटेल बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया गया था। एक्सपर्ट कमिटी में पूर्व पेट्रोलियम सचिव जीसी चतुर्वेदी, पेट्रोलियम मंत्रालय के ज्वाइंट सचिव आशुतोष जिंदल, अर्थशास्त्री किरीट पारीख व एमए पठान शामिल है।
क्या है नया प्लान
>> नियम सरल होने पर सऊदी अरामको जैसी महान इंटरनेशनल कंपनियों को हिंदुस्तान में रिटेल कारोबार में उतरने का मौका मिल जाएगा।
>> अरामको हिंदुस्तान के खुदरा ईंधन कारोबार में अपना इंट्रेस्ट दिखा चुकी है। दरअसल, ब्रिटेन जैसे राष्ट्रों में पहले से ही रिटेल में डीजल-पेट्रोल की बिक्री शुरु है। यो योजना वहां बहुत ज्यादा पास है।
>> उसी को देखकर हिंदुस्तान में सुपर बाजार में डीजल-पेट्रोल की बिक्री करने का आइडिया आया है।
>> भारत में इसकी मांग पहले से ही की जाती रही है। अब जाकर सरकार इस य़ोजना पर कार्य शुरु कर ही है।
>> इससे ईंधन की पहुंच आम लोगों तक सरल हो जाएगी। पुणे में तो एक वर्ष पहले ही घर-घर डीजल की आपूर्ति शुरु की गई थी।