वाड्रा को न्यायालय ने दी इस देश में जाने की अनुमति

सीबीआई की विशेष न्यायालय ने सोमवार को रॉबर्ट वाड्रा को विदेश जाकर उपचार कराने की अनुमति दे दी.मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का सामना कर रहे वाड्रा की अर्जी मंजूर करते हुएकोर्ट ने उन्हें6 हफ्तों के लिए अमेरिका  नीदरलैंड जाकर उपचार  कराने की इजाजतदी. हालांकि, वे लंदन नहीं जा सकेंगे.

वाड्रा ने 21 मई को याचिका दायर कर ट्यूमर के उपचार के लिए विदेश जाने की अनुमति मांगी थी. उन्होंने अपील की थी कि पासपोर्ट काेर्ट में जमा है  विदेश जाने के लिए पासपोर्ट लौटाया जाए. वाड्रा ने काेर्ट में सर गंगाराम अस्पताल का प्रमाण-पत्र दाखिल किया था, जिसमें उनकी बड़ी आंत में ट्यूमर का जिक्र था.

ईडी नेवाड्रा से 9बार पूछताछ की
मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 30 मई को रॉबर्ट वाड्रा से 9वीं बार पूछताछ हुई थी. इसके लिए कांग्रेस पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी पति रॉबर्ट वाड्रा को लेकर प्रवर्तन निदेशालय दफ्तर पहुंचीं थी. प्रवर्तन निदेशालय वाड्रा से जुड़ी गैरकानूनी संपत्तियों  लैंड डील केस की जाँच कर रहा है. इसी वर्ष फरवरी में वाड्रा  उनकी मां को पूछताछ के लिए बुलाया था.

‘जांच एजेंसियां 11 बार बुलाकर 70 घंटे पूछताछ कर चुकीं’
वाड्रा ने फेसबुक पोस्ट के जरिए बताया था कि जाँच एजेंसियां अब तक 11 बार बुलाकर उनसे 70 घंटे पूछताछ कर चुकी हैं. उन्होंने लिखा, ‘‘मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है. जब तक मुझ पर लगे आरोप गलत साबित नहीं होते, जाँच में योगदान करता रहूंगा.’’

ईडी के एडवोकेट ने बोला था- वाड्रा को मिली सुरक्षा जाँच में आड़े आ रही
मनी लॉन्ड्रिंग केस में विशेष CBI न्यायालय ने वाड्रा को 1 अप्रैल को सशर्त अग्रिम जमानत दी थी. इसमें उन्हें बिना इजाजत देश नहीं छोड़ने  जाँच में योगदान करने का आदेश दिया गया था. प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा की जमानत रद्द करवाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान न्यायालय ने वाड्रा को नोटिस जारी कर 17 जुलाई तक जवाब मांगा था. प्रवर्तन निदेशालय के एडवोकेट ने बोला था कि वाड्रा को मिली सुरक्षा जाँच में आड़े आ रही है. यह निष्पक्ष जाँच के लिए अच्छा नहीं है.