युवाओं के दिल की धड़कन दिव्या भारती इस कारण बॉलीवुड को आई याद

बॉलीवुड में दिव्या भारती ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1992 में प्रदर्शित राजीव राय की फिल्म ‘विश्वात्मा’ से की। इस फिल्म मे दिव्या भारती पर फिल्माया यह गाना ‘सात समुंदर पार मैं तेरे पीछे पीछे आ गई’ दर्शको के बीच आज भी लोकप्रिय है। महज 19 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाली दिव्या भारती कम समय में ही युवाओं के दिल की धड़कन बन गई थीं।

उनकी खूबसूरती और जबरदस्त एक्टिंग ने दर्शकों का मन मोह लिया था। फिल्म ‘दिवाना’ में उनकी मासूमियत के तो लोग कायल हो गए थे।दिव्या भारती की सुपरहिट फिल्में:वर्ष 1992 में हीं दिव्या भारती की ‘शोला और शबनम’, ‘दिल का क्या कसूर’, ‘दीवाना’, ‘बलवान’, ‘दिल आश्ना है’ जैसी कुछ फिल्में प्रदर्शित हुई।’दीवाना’ के लिए दिव्या भारती को फिल्म फेयर की ओर से डेब्यू अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। वर्ष 1992 से वर्ष 1993 के बीच दिव्या भारती ने बॉलीवुड की 14 फिल्मों में काम किया जो आज भी न्यू कमर अभिनेत्री के लिए एक रिकार्ड है।साजिद नाडियाडवाला के साथ शादी:वर्ष 1992 में दिव्या भारती ने जाने-माने फिल्मकार साजिद नाडियाडवाला के साथ शादी कर ली, लेकिन शादी के महज एक वर्ष के बाद 5 अप्रैल 1993 को दिव्या भारती की इमारत से गिरकर मौत हो गई।

मौत के बाद दिव्या भारती की फिल्में ‘रंग’ और ‘शतंरज’ प्रदर्शित हुई। रंग टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई।5 अप्रैल 1993 को निधन:5 अप्रैल 1993 को, लगभग रात के 11 बजे, दिव्या भारती, मुंबई के वर्सोवा के अपने तुलसी अपार्टमेंट के पांचवें मंजिल की बालकनी से गिर गई। उन्हें कूपर अस्पताल में एक आपातकालीन विभाग में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। उनकी रहस्यमयी मौत ने इंडस्ट्री में तब सनसनी फैला दी। उनकी मौत आज भी एक पहेली बन कर रह गई है। साल 1993 में दिव्या की सिर्फ तीन ही हिंदी फिल्में रिलीज हो पाईं।

यह फिल्में हैं ‘क्षत्रिय’, ‘रंग’ और ‘शतरंज’। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह दिव्या की जिंदगी का अंतिम साल था।क्या हुआ था उस रात:आपको बता दें कि, मौत वाले दिन ही दिव्या ने मुंबई में अपने लिए नया 4 बीएचके फ्लैट खरीदा था और डील फाइनल की थी। दिव्या ने ये खुशखबरी अपने भाई कुणाल को भी दी। दिव्या उसी दिन शूटिंग खत्म करके चेन्नई से लौटी थीं।

उनके पैर में चोट लगी थी। रात के करीब 10 बजे मुंबई के पश्चिम अंधेरी, वर्सोवा में स्थित तुलसी अपार्टमेंट के पांचवें माले पर उनके घर में दोस्त और डिजाइनर नीता लुल्ला अपने पति के साथ उनसे मिलने आई हुई थीं। तीनो लिविंग रूम में बैठे बातों में मस्त थे औऱ ड्रिंक कर रहें थे। साथ ही दिव्या की नौकरानी अमृता भी बातचीत में हिस्सा ले रही थी। किसे पता था इसके चंद मिनटों बाद ऐसी दुर्घटना घट जाएगी।रात के करीब 11 बज रहे थे।

अमृता किचन में कुछ काम करने गईं, नीता अपने पति के साथ टीवी देखने में व्यस्त थीं। इसी वक्त दिव्या कमरे की खिड़की की तरफ गईं और वहीं से तेज आवाज में अपनी नौकरानी से बातें कर रही थीं। दिव्या के लिविंग रूम में कोई बालकनी नहीं थी लेकिन इकलौती ऐसी खिड़की थी जिसमें ग्रिल नहीं थी।

उसी खिड़की के नीचे पार्किंग की जगह थी जहां अकसर गाड़ियां खड़ी रहती थीं। उसी दिन वहां कोई गाड़ी नहीं खड़ी थी। खिड़की पर खड़ी दिव्या मुड़ कर सही से खड़े होने की कोशिश कर रही थीं कि तभी उनका पैर फिसल गया। दिव्या सीधे नीचे जमीन पर जाकर गिरीं। पांचवे माले से गिरने के कारण दिव्या पूरी तरह खून में लथपथ थीं। उन्हें तुरंत ही कूपर अस्पताल ले जाया गया। अफसोस कि तब तक देर हो चुकी थी।