मोहन भागवत ने बोला, धर्म समाज को जोड़ने का कार्य करता है, तोड़ने का नहीं?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के अध्यक्ष मोहन भागवत ने बोला है कि धर्म समाज को जोड़ने का कार्य करता है, तोड़ने का नहीं जिससे समाज टूटेगा, वो धर्म हो ही नहीं सकता जात-पात  ऊंच-नीच का भेदभाव नहीं होना चाहिए मनुष्य को मनुष्य के नाते ही देखा जाना चाहिए मोहन भागवत बोले धर्म और एजुकेशन दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं समाज के हित के लिए अर्जित की गई एजुकेशन द्वारा धर्म को समझना आसान हो जाता है इन्सानियत की एजुकेशन सर्वोच्च एजुकेशन है

दरसल, मोहन भागवत, क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने के लिए झारखंड के धनबाद पहुंचे थे यहां उन्होंने राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के बालिका ब्लॉक में हर देव राम मिताथलिया भवन का उदघाटन भी किया फिर उसी जगह पर विद्या मंदिर परिवार के साथ राष्ट्र भर से आए हुए खिलाडि़यों  क्रीड़ा भारती के प्रतिनिधियों को भाषण करते हुए ये बातें कहीं

मोहन भागवत ने बोला है कि कई बार वे राजकमल विद्या मंदिर में आ चुके हैं वे दो-तीन बार यहां संबोधन भी दे चुके हैं एजुकेशन सभी के लिए सुलभ की जानी चाहिए जो कुछ सीखते हैं, उससे समाज को भी कुछ देने की प्रयास करें एजुकेशन देने  लेने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है उन्होंने बोला कि सबसे विचारणीय तथ्य यही है कि कितने लोग अच्छी एजुकेशन ग्रहण करने के बाद उसका प्रयोग समाज की भलाई के लिए करते हैं