बता दें कि अटक पर 18वीं सदी में मराठा सेना ने विजय प्राप्त की थी. यह जगह अब पाक में स्थित है. फडणवीस ने आगे कहा, ‘इसलिए मेरा पूरी तरह से मानना है कि 2050 तक हम राष्ट्र के उच्च पद पर एक नहीं एक से ज्यादा महाराष्ट्रियनों को देख सकते हैं.’ केंद्रीय मंत्री व नागपुर से सांसद नितिन गडकरी भी इस प्रोग्राम में मौजूद थे लेकिन फडणवीस के यह बयान देने के बाद वह स्थल से चले गए.
कांग्रेस पार्टी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे इस प्रोग्राम के मुख्य मेहमान थे. इससे पहले गडकरी ने बोला था, ‘मराठी पहचान को राष्ट्रीय पहचान के साथ संरक्षित करना आवश्यक है व दोनों पूरक हैं.‘ मराठी में नागपुर के बिल्डर आशुतोष शेवाल्कर व कवि रामदास फुटेन द्वारा लिए गए सार्वजनिक साक्षात्कार में फडणवीस से पूछा गया था कि नरेंद्र से देवेंद्र कब बदलेगा. इसके जवाब में उन्होंने शेवाल्कर से कहा, ‘अभी तक मुझे लग रहा था कि आप मेरे हितैषी हैं. लेकिन अब नहीं.‘
जाति व आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल पर फडणवीस ने कहा, ‘यह हकीकत है कि जातिगत पहचान की चेतना आरक्षण के लिए बहुत मायने रखती है लेकिन आरक्षण केवल गवर्नमेंट द्वारा प्रदान किए गए जॉब के अवसरों में सहायक है. इस तरह के मौका कुल मिलाकर केवल 10 फीसदी हैं. जैसे ही युवा पीढ़ी इस बात को समझ जाएगी, जातिगत पहचान को लेकर जागरुकता बहुत ज्यादा हद तक दूर हो जाएगी.‘
राजनीतिक पार्टियों की जाति पॉलिटिक्स पर CM ने कहा, ‘आज हमारे राष्ट्र की जनसांख्यिकी को देखते हुए, ‘जहां 65 फीसदी जनसंख्या 40 की आयु से नीचे है व 45 फीसदी 25 वर्षसे नीचे हैं, यहां अपेक्षा ‘यहां व अभी’ केवल बढ़ेगी. यह मौका गवर्नमेंट के बाहर उपलब्ध हैं. बेशक, यह भी हकीकत है कि आरक्षण अभी भी उनमें से कई को सशक्तिकरण की भावना देता है.‘