दरअसल मैच के दौरान तेज हवा चलने लगी थी, जिस कारण अंपायर ने बिना बेल्स के ही खेल जारी रखने का निर्णय किया। ऑस्ट्रेलियाई पारी के 32वें ओवर में तेज हवा चलने लगी। इन हवाओं के कारण पिच के बीच प्लास्टिक की थैलियां उड़ने लगी। जिससे बेल्स नीचे गिर गई। तेज हवाओं के कारण बेल्स विकेट पर टिक नहीं पा रही थी। जिसके बाद अंपायर कुमार धर्मसेना (Kumar Dharmasena) व मरैस इरास्मस (Marais Erasmus) ने बिना बेल्स के ही मैच को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया, जो इस टूर्नामेंट के इतिहास में कुछ अलग था। हालांकि बिना बेल्स मैच करवाने के निर्णय का इंग्लिश कैप्टन जो रूट (Joe Root ) व गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) ने विरोध किया।
बिना बेल्स के मैच करवाने का निर्णय खेल के नियमों के आधार पर ही लिया गया। नियम 8.5 के अनुसार यदि महत्वपूर्ण है तो अंपायर बिना बेल्स के मैच करवाने का निर्णय ले सकते हैं। यदि वे सहमत होते हैं कि बेल्स का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। नियम के अनुसार अंपायर हालात सामान्य होने पर फिर से बेल्स के प्रयोग की इजाजत दे सकते हैं। नियम के अनुसार बेल्स हटाए जाने के बाद अगर विकेट गिरता है तो उस पर अंपायर निर्णय लेंगे। ऐसी स्थिति में अगर बल्लेबाज रन आउट या स्टंप होता है तो अंपायर विचार करके इस पर निर्णय लेते हैं।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब स्टंप पर बिना बेल्स के ही अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला गया हो। पहली बार 2017 में तेज हवाओं के कारण वेस्टइंडीज व अफगानिस्तान (West Indies vs Afghanistan) के बीच बिना बेल्स के मुकाबला खेला गया था।
बेकार मौसम के कारण चौथे टेस्ट के पहले दिन सिर्फ 44 ओवर का ही खेल हो पाया। स्टंप तक ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट के नुकसान पर 170 रन बना लिए हैं। स्टीव स्मिथ (Steve Smith) 60 व ट्रेविस हेड 18 रन बनाकर खेल रहे हैं।