प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) ने अपना आखिरी टेस्ट नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के विरूद्ध खेला था, ये सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के करियर का आखिरी मैच भी था। इस मैच में ओझा ने 10 विकेट अपने नाम किए थे व वो मैन ऑफ द मैच बने थे। उन्होंने अपने इस प्रदर्शन को सचिन के नाम किया था लेकिन ये मैच उनके लिए भी आखिरी साबित हुआ। सचिन के रिटायरमेंट के बाद ओझा को टीम से बाहर कर दिया गया व उनका कभी टीम इंडिया में सेलेक्शन नहीं हुआ।
प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) ने तीन बार आईपीएल जीता। वो वर्ष 2009 में डेक्कन चार्जर्स व दो बार मुंबई इंडियंस (2013 व 2015) की टीम से खेलते हुए विजेता टीम के सदस्य रहे। प्रज्ञान ओझा चैंपियंस लीग टी20 टूर्नामेंट जीतने वाली मुंबइ इंडियंस की टीम का भाग भी थे।
साल 2010 में हुए भारतीय प्रीमियर लीग के तीसरे सीजन में उन्होंने 21 विकेट लेकर पर्पल कैप पर अतिक्रमण किया। टूर्नामेंट में ये कारनामा करने वाले वो इकलौते स्पिन हैं, हालांकि इतने अच्छे प्रदर्शन के बावजूद ओझा अब आईपीएल नहीं खेलते हैं। वर्ष 2016 से वो अनसोल्ड खिलाड़ियों की सूचि में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने आखिरी बार आईपीएल 2015 में खेला था।
वर्ष 2014 में प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) का एक्शन संदिग्ध पाया गया था जिसके बाद उनपर बैन लगा दिया गया था। हालांकि एक महीने के बाद उनपर लगा बैन हटा लिया गया था।
साल 2009 में प्रज्ञान ओझा ने टेस्ट डेब्यू किया व उन्होंने फील्डिंग करते हुए मैच की पहली ही गेंद पर तिलकरत्ने दिलशान का कैच लपका। ये कारनामा करने वाले वो संसार के एकलौते क्रिकेटर हैं।