बीजेपी का गढ़ बनती जा रही सागर लोकसभा सीट, 6 चुनावों से बीजेपी का कब्जा

मध्य प्रदेश की सागर लोकसभा सीट बीजेपी का गढ़ बनती जा रही है. इस सीट पर पिछले 6 चुनावों से बीजेपी का ही कब्जा है. कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर जीत 1991 में मिली थी. तब कांग्रेस के आनंद अहीरवार ने बीचेपी के राम प्रसाद अहीरवार को हराया था. फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी के लक्ष्मी नारायण यादव यहां के सांसद हैं. उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत को हराया था.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

सागर लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ. यहां पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के सोढिया खूबचंद ने जीत हासिल की थी. उन्होंने जनसंघ के चिंतामनरॉव को हराया था. सोढ़िया ने चिंतामनरॉव को 50 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. 1951 के चुनाव में यह सीट सामान्य वर्ग के लिए थी, लेकिन परिसीमन के बाद 1957 के चुनाव में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई.

इसके बाद 1962 के चुनाव में यह सीट एक बार फिर सामान्य वर्ग के लिए हो गई और फिर इसके बाद 1967 से लेकर 2004 तक यह सीट अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित रही. परिसीमन के बाद 2009 से यह सीट एक बार फिर सामान्य हो गई.

इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही बराबर जीत मिली है. दोनों को यहां पर 8 बार जीत हासिल हुई है, जबकि 1 बार जनसंघ को जीत मिली है. 1996 से इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा है. सागर लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. इन 8 सीटों में से 7 पर बीजेपी का कब्जा है.

2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लक्ष्मी नारायण यादव ने कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत को हराया था. इस चुनाव में लक्ष्मी नारायण यादव को 4,82,580(54.11 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं गोविंद सिंह राजपूत को 3,61,843(40.57 फीसदी) वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 120737 वोटों का था. इस चुनाव में बसपा 2.23 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थी.

इससे पहले 2009 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के भूपेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी. उन्होंने कांग्रेस को उत्तम खटीक को हराया था. श्री भूपेंद्र को इस चुनाव में 3,23,954 वोट मिले थे तो वहीं उत्तम खटीक को 1,42,983 वोट मिले थे. यानी कि दोनों के बीच हार और जीत का अंतर 1,80,971 वोटों का था.

सामाजिक ताना-बाना

2011 की जनगणना के मुताबिक सागर की जनसंख्या 2313901 है. यहां की 72.01 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 27.99 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है. सागर की 22.35 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है और 5.51 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति के लोगों की है.

चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के चुनाव में इस सीट पर 15,20, 184 मतदाता थे. इसमें से 7,04,827 महिला मतदाता और 8,15,357 पुरुष मतदाता थे. 2014 के चुनाव में इस सीट पर 58.67 फीसदी वोटिंग हुई थी.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

74 साल के लक्ष्मी नारायण यादव 2014 का लोकसभा चुनाव जीतकर पहली सांसद बने. सागर में जन्मे लक्ष्मी नारायण यादव पेशे से किसान हैं. संसद में उनकी उपस्थिति 93 फीसदी रही. उन्होंने 42 बहस में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने 347 सवाल भी किए.

लक्ष्मी नारायण यादव को उनके निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. जो कि ब्याज की रकम मिलाकर 26.36 करोड़ हो गई थी. इसमें से उन्होंने 23.93 यानी मूल आवंटित फंड का 93.74 फीसदी खर्च किया. उनका करीब 2.43 करोड़ रुपये का फंड बिना खर्च किए रह गया.