दिल्ली विश्वविद्यालय में अब एडमिशन के लिए शुरू हुई ये नयी प्रक्रिया, जानिए ऐसे…

दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2019-20 में दाखिले के लिए कॉलेजों के पास शत-प्रतिशत अंक वाले विद्यार्थी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.

इस स्थिति में कॉलेज दबी जुबां से स्वीकार तो कर रहे हैं, लेकिन अब डीयू में दाखिले के लिए एंट्रेंस कराने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है. कॉलेज की चिंता इस बात को लेकर भी है कि यदि सभी शत-प्रतिशत वाले पाठ्यक्रमों को भर देंगे तो 99 प्रतिशत से कम अंक वालों को कहां दाखिला मिलेगा. यदि अगले वर्ष भी यही परिस्थितियां रही तो विद्यार्थियों को कहां दाखिल देंगे.

हिंदू और रामजस समेत कुछ नामी कॉलेजों में इस बार शत-प्रतिशत अंक वाले विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है. मुख्य रूप से पॉलिटिक्स शास्त्र, अंग्रेजी-ऑनर्स, फिजिक्स-ऑनर्स, बीए कार्यक्रम में तो 2 दिन में ही 100 से 99 प्रतिशत अंक वाले विद्यार्थियों ने दाखिला ले लिया है. रामजस कॉलेज के  प्रिंसिपल डॉ मनोज खन्ना का बोलना है कि दाखिले में जिस तरह का ट्रेंड बन रहा है उससे स्थितियां एंट्रेंस टेस्ट की ओर ही संकेत करती हैं. एंट्रेंस से दाखिले के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं दिखाई दे रहा है. अभी तक डीयू में मेरिट के आधार पर दाखिला होता है.

उन्होंने बोला कि हर कॉलेज व्यावहारिक ढंग से कट ऑफ निकालता है, लेकिन जिस तरह से विद्यार्थी शत-प्रतिशत अंक लेकर आ रहे हैं तो कट ऑफ कैसे तैयार की जाए. तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल बोर्ड से बड़ी संख्या में विद्यार्थी डीयू आते हैं, जिनके शत-प्रतिशत अंक होते हैं, उन्हें दाखिले से मना नहीं किया जा सकता.

एक अन्य कॉलेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि जिस तरह से 12वीं में अंक मिल रहे हैं, उससे आने वाले सालों में नॉर्थ कैंपस, साउथ कैंपस और आउट ऑफ कैंपस कॉलेज के बीच का अंतर समाप्त हो जाएगा. उनका मानना है कि प्रवेश इम्तिहान से दाखिले पर विचार करना ही पड़ेगा. मालूम हो कि 2 वर्ष पहले भी डीयू में एंट्रेंस से दाखिले पर विचार प्रारम्भ हुआ था, लेकिन उस समय विरोध हो गया था.