तीन घंटे तक चला यह ऑपरेशन राजस्थान के मेडिकल साइंस में सबसे अनूठा केस

राजस्थान के चिकित्सकों ने कमाल कर दिखाया है। एक मरीज का ऐसा ऑपरेशन किया, जो देशभर में सुर्खियों में बना हुआ है। सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ है। हुआ यह कि बीकानेर निवासी हुलासमल जांगिड़ के पिछले तीन माह से मिर्गी की समस्या थी। उसे बार-बार दौरे आते थे। परिजनों ने उसे कई अस्पतालों में दिखाया, मगर ना दुआ लगी और ना कोई दवा असर कर रही थी। चिकित्सकों ने हुलासमल जांगिड़ की बायोप्सी की तो पता चला कि उसके दिमाग में ग्रेड-2 का ट्यूमर है। ट्यूमर दिमाग के स्पीच वाले हिस्से में था।

ऐसे में हुलासराम की ब्रेन सर्जरी काफी जोखमभरी थी। उसमें हुलासमल के बोलने की क्षमता चली जाने और उसे लकवा होने का भी डर था। कई अस्पतालों ने उसकी ब्रेन सर्जरी करने से मना कर दिया, मगर परिजन जब उसे जयपुर के नारायणा अस्पताल लेकर गए तो यहां के चिकित्सकों ने न केवल यह चुनौती स्वीकार की बल्कि ब्रेन सर्जरी में एक कीर्तिमान भी स्थापित किया।

नारायण हृदयालय के सीनियर न्यूरो सर्जन एवं ब्रेन ट्यूमर सर्जरी एक्सपर्ट डॉ. केके बंसल व उनकी टीम ने हुलासमल के ऑपरेशन का जिम्मा लिया। इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि सारा काम मरीज के होश में रहते हुए किया गया है। इसे अवेक ब्रेन सर्जरी के नाम से जाना जाता है।

यूं तो ऑपरेशन से पहले मरीज को बेहोश करना पड़ता है। इसमें एनेस्थिया टीम महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, मगर इस केस में मरीज को बेहाश नहीं किया जाकर उसे बस हनुमान चालीसा पाठ करते रहने को कहा गया। मरीज हुलासमल जांगिड़ हनुमान चालीस पढ़ता रहा और चिकित्सकों की टीम ने उसका सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर दिया। करीब तीन घंटे तक चला यह ऑपरेशन राजस्थान के मेडिकल साइंस में सबसे अनूठा केस है।