डॉक्टरों की इस खोज से बीमारी होने से 3 वर्ष पहले लगाया जा सकेगा पता

मस्तिष्क के एमआरआई स्कैन से पता लगाया जा सकेगा कि आदमी को अगले तीन साल में डिमेंशिया होने की संभावना तो नहीं है इसका मतलब है कि विकार के लक्षण नजर आने से पहले ही इसके जोखिम का अनुमान लगाया जा सकता है

अमेरिका में वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी  कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में डिमेंशिया का अनुमान लगाने के लिए मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) का प्रयोग किया यह अनुमान 89 प्रतिशत सटीक रहा वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर सायरस ए राजी ने कहा, ‘‘ वर्तमान में यह कहना कठिन है कि सोचने समझने की सामान्य क्षमता या कम क्षमता वाले बुजुर्ग आदमी को यह विकार हो सकता है या नहीं ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने बताया कि केवल एक एमआरआई स्कैन से 2.6 साल पहले ही डिमेंशिया के जोखिम का पता लगाया जा सकता है इससे डॉक्टर समयपूर्व अपने मरीजों को सलाह दे सकेंगे  उनकी देखरेख कर सकेंगे ’’ शोधकर्ता कहते हैं कि अल्जाइमर रोग को रोकने या टालने के लिए अभी भी कोई दवा नहीं है लेकिन डिमेंशिया के उच्च जोखिम वाले लोगों की पहचान करना फिर भी फायदेमंद साबित हो सकता है इससे लोग स्वास्थ्य वर्धक रहने के दौरान ही आगामी खतरे को भांपते हुए अपने आर्थिक  रहन-सहन संबंधी बंदोबस्त कर सकते हैं