गुजरात के साबरकांठा जिला स्थित एक कंपनी में 14 माह की मासूम बच्ची के साथ घिनौनी वारदात को अंजाम देने के बाद लोकल लोगों का गुस्सा फूंट पड़ा है।उन्होंने अपना गुस्सा बिहारियों के साथ-साथ पूरे उत्तर हिंदुस्तान के लोगों पर निकाला है। यहां बिहारी मजदूरों को घेर कर निशाना बनाया जा रहा है। साथ ही लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
गुजरात में ठाकोर सेना द्वारा घटना के बाद हंगाम किया जा रहा है। ठाकोर सेना द्वारा परप्रांतियों के घरों पर हमला किया जा रहा है। हिंसा के बीच बिहारी मेहनतकश लोग दहशत में हैं।वहीं, कई स्थानों से परप्रांतिय मेहनतकश लोग पलायन भी कर चुके हैं। शुक्रवार को भी बड़ी तादाद में हिम्मतनगर से बिहार के मजूदरों के पलायन करने की सूचना मिल रही है।
वहीं, लोकल लोगों ने यूपी व बिहार के लोगों को निशाना बनाना प्रारम्भ कर दिया है। कहीं ठेले पलटने की घटना हो रही है, तो कहीं रिक्शा चालक को पीटा जा रहा है। हिंसा फैलाने वाले लोगों का कह रहे हैं- बाहरी लोग राज्य छोड़ दें व गुजराती लोगों को बचाया जाना चाहिए। हालांकि पुलिस हिंसा करने वालों के विरूद्ध अब कार्रवाई प्रारम्भ कर दी है।
हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस आंसू गैस का प्रयोग कर रही है। बताया जा रहा है कि इंद्राड गांव में एक कॉलोनी में रहने वाले परप्रांतियों लोगों के घर पर 100-150 लोगों ने हमला किया है। बाद में पुलिस मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू करने का प्रयास की। वहीं, 15 लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
अब खरब मिली है कि गुजरात राज्य के गृह विभाग ने इस मामले में संज्ञान लिया है। राज्य में कहां व कितने स्थानों पर हिंसा की घटना हुई है। इस पर उच्च स्तर पर जानकारी मांगी है।वहीं, आईबी को भी सतर्क किया है। साथ ही पुलिस को पेट्रोलिंग करने व फौरन कठोर कार्रवाई करने के लिए बोला गया है।
गौरतलब है कि गुजरात के हिम्मतनगर शहर के गांभाइ पुलिस थाने इलाके में भावपूर गांव के पास स्थित एक कंपनी में 14 माह की बच्ची के साथ दुष्कर्ण किया गया। बलात्कार की घटना को कंपनी के वर्कर के द्वारा अंजाम दिया गया है। बच्ची के साथ बलात्कार के बाद उसे वहीं फेंक दिया गया। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने बच्चो को रिकवर कर उसे उपचार के लिए अस्पताल भेजा। वहीं, पुलिस ने बताया कि आरोपी को अरैस्ट कर कारागार भेज दिया गया है।
घटना के बाद गांव के लोगों में बहुत ज्यादा गुस्सा था। लोकल लोगों ने कई कारों व बाइकों को जला डाला। साथ ही कंपनी में कार्य करने वालों के घरों में भी आग लगा दी। देखते ही देखते यह मामला बहुत ज्यादा बढ़ गया। व राज्य के कई हिस्सों में इसका विरोध होने लगा। वहीं, गुस्से में लोगों ने परप्रांतीय लोगों को निशाना बनाना प्रारम्भ कर दिया। वहीं, गुजरात से बाहर के लोगों को यहां से पलायन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।