यूपी के गाजीपुर में शनिवार को हुई पत्थरबाजी में हुई पुलिस कॉन्सटेबल की मौत के मामले में पुलिस ने 100 से ज्यादा लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया है। शनिवार को गाजीपुर जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के बाद लौट रहे वाहनों पर एक लोकल पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा पथराव किए जाने की घटना में एक पुलिस कॉन्सटेबल की मौत हो गई थी। इस हिंसा में 7 पुलिसवालों को चोटें भी आई थी। इस मामले में सीओ सिटी महिपाल पाठक ने बताया कि 32 लोगों के विरूद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है जबकि 100 से ऊपर अज्ञात के विरूद्ध भी केस दर्ज हुआ है।
वहीं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने बताया है कि अब तक इस मामले में 11 लोगों को अरैस्ट किया जा चुका है।
उधर इस हिंसा में मारे गए पुलिस कॉन्सटेबल सुरेश वत्स के परिजन पुलिस लाइन पहुंच गए हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद पुलिस लाइन में राजकीय सम्मान के साथ कॉन्सटेबल सुरेश वत्स को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद परिजन कॉन्सटेबल सुरेश के पार्थिव बॉडी को प्रतापगढ़ ले जाएंगे जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पत्थरबाजी में मारे गए कॉन्सटेबल सुरेश वत्स के बेटे वीपी सिंह ने मीडिया से कहा, ‘पुलिस अपने लोगों की सुरक्षा के लिए ही सक्षम नहीं है, हम उनसे व क्या आशा कर सकते हैं? अब हम मुआवजे का क्या करेंग? पहले भी ऐसी घटनाएं बुलंदशहर व प्रतापगढ़ में हो चुकी है। ‘
इससे पहले गाजीपुर के सदर अस्पताल के डॉ। नवीन सिंह ने रविवार को मीडिया को बताया कि मारे गए पुलिस कॉन्सटेबल के मृत शरीर को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।चिकित्सक ने बताया कि पत्थबाजी में 7 अन्य पुलिसवालों को पांव में चोट लगी है, जिनका उपचार किया जा रहा है।
बता दें कि ये हिंसा गाजीपुर के अटवा मोर पुलिस स्टेशन के भीतर आने वाले नौनेरा इलाके में उस वक्त हुई थी जब पीएम नरेंद्र मोदी की रैली समाप्त हो चुकी थी।
इस हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने मारे गए पुलिस कॉन्सटेबल के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, एक परिजन को जॉब तथा असाधारण पेंशन दिए जाने के आदेश दिए हैं।
गाजीपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि पीएम के प्रोग्राम के कारण राष्ट्रीय निषाद पार्टी के कार्यकर्ता शहर में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे थे जिनको पुलिस प्रशासन ने रोक रखा था। प्रोग्राम खत्म होने के बाद जब पीएम शहर से चले गए तब पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शहर में कई जगहों पर जाम लगा दिया व रैली से लौट रहे वाहनों पर पथराव करने लगे।
कॉन्सटेबल सुरेश वत्स के सिर में लगा पत्थर
हिंसा के दौरान लगे जाम को खुलवाने में जिले के थाना करीमुद्दीन पुर में पदस्थ सिपाही सुरेश वत्स (48) भी लगे हुए थे। पथराव में एक पत्थर सुरेश के सिर में भी लग गया व वह बुरी तरह से जख्मी हो गये। उन्हें तुंरत अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
एसएसपी के मुताबिक इस दौरान करीब 15 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है व वीडियोग्राफी की मदद से अन्य प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा रही है। शहीद सिपाही सुरेश प्रतापगढ़ के रानीगंज के रहने वाले थे।
मुख्यमंत्री ने सुरेश वत्स के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया
उधर लखनऊ में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने एक बयान जारी कर बोला कि CM योगी आदित्यनाथ ने सिपाही सुरेश के निधन पर गहरा दुख जाहीर किया है। उनकी पत्नी को 40 लाख रुपए तथा उनके माता-पिता के लिये 10 लाख रुपए की सहायता देने के आदेश दिये है ।
मुख्यमंत्री ने परिवार के एक सदस्य को जॉब तथा परिवार को असाधारण पेंशन दिये जाने के भी आदेश दिये है । उन्होंने बताया कि CM ने गाजीपुर के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दोषियों को अरैस्ट कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के आदेश भी दिए है।
गौरतलब है कि शनिवार दोपहर गाजीपुर में पीएम नरेंद्र मोदी का प्रोग्राम था ।