क्या आपको पता यही सिम कार्ड आपको बना सकता है एक दिन कंगाल

आपमें से शायद ही कोई ऐसा होगा जिसके पास मोबाइल फोन नहीं होगा. आपके पास फोन है तो उसमें किसी ना किसी कंपनी का सिम कार्ड भी होगा, लेकिन आपका यही सिम कार्ड आपको एक दिन कंगाल बना सकता है. यह सब सिम स्वैपिंग यानि सिम बदलने के कारण हुआ. कारोबारी के खाते से ये रकम 28 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी गई. ये धोखाधड़ी एक ही रात में कर दी गई. आइए इस पूरे खेल को विस्तार से समझते हैं  यह भी जानते हैं कि इससे बचने का उपाय क्या है.
इस तरह के मामलों में किसी शख्स के सिम कार्ड को ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट डाली जाती है. जैसे ही सिम कार्ड ब्लॉक होता है, वित्तीय धोखाधड़ी करने के लिए नयी सिम के जिरिये किसी लेन-देन के लिए वन टाइम पासवर्ड (OTP) की रिक्वेस्ट डाल दी जाती है.  फिर जैसे ही ओटीपी आता है, उसकी मदद से एक खाते से अन्य खातों में पैसा ट्रांसफर करने जैसे लेन-देन किए जाते हैं. इन दिनों ज़्यादातर लेन-देन औनलाइन या फिर डिजिटल माध्यम से होता है.
चूंकि लोगों की अधिकांश जानकारियां औनलाइन उपलब्ध होती हैं. ऐसे में धोखाधड़ी करने वाले लोग इसका लाभ उठाते हैं  सिम स्वॉपिंग के माध्यम से ठगी करते हैं. अगली स्लाइड में जानें कैसे होती है सिम स्वैपिंग.
कैसे होता है सिम स्वैप साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट वकील प्रशांत माली ने बीबीसी मराठी को बताया कि किस तरह से सिम स्वैपिंग की जाती है  इससे बचाव के रास्ते क्या हैं. वो कहते हैं- 2011 के बाद से इस तरह के क्राइम बढ़े हैं. सिम स्वैपिंग सिर्फ एक शख्स नहीं करता बल्कि इस तरह के कार्य में कई लोग शामिल रहते हैं. संगठित रैकेट इसे अंजाम देते हैं.साइबर एंड लॉ फ़ाउंडेशन की आंतरिक रिसर्च से पता चला है कि 2018 में ही इस तरीके से हिंदुस्तान में 200 करोड़ रुपये उड़ा लिए गए.
जो लोग इस तरह के अपराधों के शिकार होते हैं, वे पढ़े-लिखे होते हैं लेकिन सुरक्षा को लेकर वो सजग नहीं होते. ऐसे में इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ता है. अलग-अलग तरह के मीडिया, सोशल मीडिया के ज़रिये पहले तो आप पर नज़र रखी जाती है  आपकी जानकारियां जुटाई जाती हैं. कई बार आपको किसी अनजान नंबर से कॉल आती है  जानकारी ली जाती हैं.
कई बार फिशिंग लिंक भी भेजे जाते हैं जिनमें आपको क्लिक करके अपनी प्राइवेट इन्फर्मेशन भरने के लिए बोला जाता है. कई बार ये धोखेबाज बैकों के डेटाबेस को भी खरीद लेती हैं.जैसे ही उनके पास आपकी जानकारियां आती हैं, वे आपके नाम का फर्जी आईडी कार्ड बना सकते हैं  उसकी मदद से टेलिकॉम कंपनियों को सिम ब्लॉक करने की रिक्वेस्ट डाल सकते हैं. कई बार वे वायरस या मैलवेयर की मदद से भी जानकारियां जुटाते हैं.
जैसे ही टेलिकॉम कंपनियां नया सिम कार्ड देती हैं, ठग नए सिम से आराम से OTP हासिल करके वित्तीय ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. चूंकि नया सिम इन ठगों के पास होता है, इसलिए ओटीपी इनके पास ही आ रहा होता है. वे आपके खाते में मौजूद रकम को अन्य लोगों को आराम से ट्रांसफर कर सकते हैं. अगली स्लाइड में जानें अगर कोई आपके खाते में पैसा डालना चाहे तो भी सावधान रहें.
प्रशांत माली कहते हैं कि अगर कोई शख्स आपसे कहता है कि वो आपके खाते में कुछ पैसा जमा कराना चाहता है तो उससे भी सावधान रहें. वो बताते हैं, “वे लोग आपसे कहेंगे कि रकम का 10 प्रतिशत आपको दे देंगे या 10 हजार रुपये आपको देंगे. आपको ऐसे फ़ोन भी आ सकते हैं जिनमें बोला जाएगा कि कुछ ही देर में आपके खाते में रकम भेजी जाने वाली है. ये रकम सिम स्वैपिंग के माध्यम से किसी  के खाते से गैरकानूनी तरीके से उड़ाई गई रकम हो सकती है.” “ऐसे में आप अनजाने में क्रिमिनल बन सकते हैं क्योंकि आपका खाता भी उन धोखेबाज़ों के क्राइम का भाग बन जाएगा. अगर कोई शख़्स बिना मतलब आपके खाते में पैसे जमा करना चाहता है तो उसके झांसे में न आएं.” अगली स्लाइड में जानें सिम स्वैप से बचने के किए क्या करना चाहिए
प्रशांत माली सुझाव देते हैं, “हर बैंक खाते के साथ ईमेल अलर्ट सुविधा होनी चाहिए ताकि अगर आकस्मित सिम कार्ड बंद हो जाए तो कम से कम ईमेल के माध्यम से तो पता चल पाए कि कोई आपकी इजाजत के बिना लेन-देन कर रहा है. इससे आप तुरंत बैंक को जानकारी देकर नुकसान टाल सकते हैं.” “ध्यान देने की बात यह है कि सिम स्वैपिंग का कार्य अधिकांशशुक्रवार या शनिवार को किया जाता है. कई बार छुट्टियों के दौरान भी ऐसे ठगी की जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों को छुट्टियों के कारण बैंकों या फिर टेलिकॉम कंपनियों से संपर्क करने में कठिन होती है. इसलिए, अगर आपका सिमकार्ड इन दिनों में आकस्मित बंद हो जाए तो सावधान होकर बैंक खातों को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाएं.