कृषि कानून के खिलाफ हुए ये नेता , कोर्ट जाने की दी धमकी

अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने कृषि कानून को वापस लेने की बात करते हुए कहा, “यदि किसान कानूनों को वापस लेने के लिए कह रहे हैं, तो आप कानून वापस ले सकते हैं और किसान समितियों से बात कर सकते हैं .

जो भी कानून आपको बाद में चाहिए। लेकिन राज्य में शांति लाने और किसानों को घर लाने के लिए, कानूनों को निरस्त करें क्योंकि वे इसकी मांग कर रहे हैं।”

वहीं, कृषि कानून के समाधान का बात करते हुए सीएम ने कहा, “इसका समाधान प्रधानमंत्री के स्तर पर ढूंढना होगा। उसे अपने मंत्रियों और गृह मंत्री के साथ बैठना चाहिए और समाधान के लिए आना चाहिए। इसे आखिरकार पीएम को ढूंढना होगा”

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने आगे कहा कि किसानों को विरोध करने का पूरा अधिकार है। किसानों के साथ मेरी सहानुभूति 101 प्रतिशत है, सीमाओं (दिल्ली सीमा) पर बूढ़े और महिलाएं बैठी हैं और विरोध कर रही हैं।

आखिरी रिपोर्टों तक, 55 किसानों की मौत हो गई थी, वे अपने जीवन का बलिदान कर रहे हैं। उन्होंने कृषि कानून की सवाल उठाते कहा कि बात करते हुए कहा कि किसी भी कानून में वह पवित्रता नहीं है जिसे छुआ नहीं जा सकता।

उदाहरण के लिए, संविधान को 1950 में पेश किए जाने के बाद 100 बार संशोधित किया गया है। ऐसा क्यों है कि इस कानून में संशोधन नहीं किया जा सकता है और आपको इसे वापस लेना होगा?

पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने कृषि कानून विरोधी बिल बताते हुए कहा, “हमारे मन में बहुत स्पष्ट हैं, ये किसान विरोधी बिल हैं।

हम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।“ उन्होंने इसी मुद्दे पर आगे कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि देश का पूरा किसान समुदाय कुछ माँग रहा हो और सरकार गैर-जिम्मेदार हो। देश के पीपीएल का जवाब देना सरकार का कर्तव्य है। मुझे लगता है कि किसानों ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए।

पंजाब के मुख्यमंत्री ने एक बार फिर से कृषि कानून का मुद्दा उठाया है और दिल्ली के सीमा पर प्रदर्शन करे रहे किसानों का समर्थन किया है। बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने कृषि कानून को किसान विरोधी बिल करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। साथ ही उन्होंने से इस मसले को प्रधानमंत्री के स्तर तक समाधान ढंढूने की बात भी कही है। इसके अलावा उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ अपनी सहानुभूति भी व्यक्त किया है।