कालेधन के कुबेरों पर शिकंजा कसने में लगी मोदी सरकार, बैंकों ने ग्राहकों को भेजा नोटिस

जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, तभी से वह कालेधन के कुबेरों पर शिकंजा कसने में लगी हुई है। ऐसे में विदेशी बैंकों में कालाधन रखने वालों के लिए बुरी खबर है। विदेश में कालाधन रखने वालों पर नकेल कसने की तैयारी तेज हो गई है। स्विस बैंक भारतीय खाताधारकों के खातों की जानकारी भारत सरकार देने के लिए तैयार हो गया है। स्विजरलैंड के अधिकारियों ने इस संबंध में कार्रवाई भी शुरू कर दी है। स्विस अधिकारियों ने एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले भारतीयों से इस संबंध में लिखित सहमति देने के लिए नोटिस जारी कर दिए हैं।

एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से आ रही खबरों के मुताबिक भारत सरकार की ओर से मांगी गई बैंकिंग डिटेल दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत आती है। नोटिस में एक अप्रैल 2011 से खातों की जानकारी देने को कहा गया है। भारतीय खाताधारकों को एक सहमति पत्र भी भरने को कहा गया है। इसमें लिखा है कि भारतीय अधिकारियों ने जो सूचना मांगी है वो उसे देने के लिए सहमति देते हैं। ग्राहकों से सहमति मिलते ही  स्विस बैंक ये डाटा भारत सरकार यानी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और ईडी को दे देगा। वहीं रजामंदी नहीं देने वाले ग्राहको से जुड़ी जानकारी कुछ समय बाद स्विस ऑफिशल गजट में दर्ज होने के बाद साझा कर दी जाएगी।

आपको बता दें कि कस्टमर की रजामंदी लेने की नीति 1713 के एक निर्णय से जुड़ी है। तब ग्रेट काउंसिल ऑफ जेनेवा ने बैंकों को क्लाइंट्स की जानकारी का खुलासा करने से रोक दिया था। उस कोड ने स्विट्जरलैंड की बैंकिंग पर गोपनीयता का आवरण चढ़ा दिया। वहीं जिन भारतीयों ने पहली अप्रैल 2011 से पहले अपने अकाउंट्स को बंद कर दिया होगा, वे ताजा कदम के दायरे में आने से बच सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, ‘स्विट्जरलैंड और भारत के बीच सूचना साझेदारी का करार लागू होने की तारीख से पहले जो अकाउंट्स बंद हो गए होंगे, उनकी जानकारी कोई भी स्विस बैंक नहीं देगा।’