उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हुआ 38 विधानसभा सीटों पर नुकसान, जानिए ऐसे…

2017 के विधानसभा चुनाव की तुलना में मौजूदा लोकसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी का वोट फीसदी 41 से बढ़कर 50 के करीब पहुंच गया है. बावजूद इसके विधानसभा क्षेत्रवार लोकसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो बीजेपी को पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में 38 सीटों का नुकसान हुआ है.
विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 312 सीटें मिली थीं लेकिन मौजूदा लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशियों को 274 विधानसभा क्षेत्रों में ही प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले अधिक वोट मिल पाए. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 38 विधायक अपनी सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों को बढ़त नहीं दिला सके. हालांकि 30 लोकसभा क्षेत्र ऐसे भी रहे जिनके भीतर आने वाली विधानसभा की किसी भी सीट पर विपक्ष का खाता नहीं खुल सका.

प्रदेश के 80 लोकसभा क्षेत्रों में 403 विधानसभा क्षेत्र हैं. उन्नाव, फतेहपुर  शाहजहांपुर लोकसभा क्षेत्रों में छह-छह विधानसभा क्षेत्र हैं, जबकि शेष सभी 77 लोकसभा क्षेत्रों में पांच-पांच विधानसभा क्षेत्र हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों का विधानसभा क्षेत्रवार विश्लेषण करें तो पता चलता है कि भले ही सपा को अपनी प्रमुख लोकसभा सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा हो लेकिन विधानसभा क्षेत्रों के आधार पर उसे बेहद सीटों का नुकसान नहीं हुआ.

अमेठी में भले ही स्मृति ईरानी के हाथों कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा हो लेकिन सोनिया गांधी की सीट रायबरेली के भीतर आने वाली विधानसभा की सीटों में एक पर भी बीजेपी जीत हासिल नहीं कर पाई.

यहां बजा बीजेपी का डंका
एनडीए ने 30 लोकसभा क्षेत्रों के भीतर आने वाले 153 विधानसभा सीटों पर परचम लहराया. जिन संसदीय सीटों के भीतर आने वाली किसी भी विधानसभा सीट पर विपक्ष का खाता नहीं खुल सका.
बीजेपी ने जिन 29 संसदीय सीटों की सभी विधानसभा क्षेत्रों में कमल खिलाया, उनमें बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, फतेहपुर सीकरी, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, फर्रुखाबाद, अकबरपुर, झांसी, हमीरपुर, फतेहपुर, इलाहाबाद, फूलपुर, गोंडा, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव वाराणसी शामिल हैं.

अपना दल का आंकड़ा जस का तस
अपना एल (एस) ने पिछले विधानसभा चुनाव में नौ सीटें जीती थी. लोकसभा चुनाव में भी नौ विधानसभा क्षेत्रों में उसकी बढ़त बनी रही. हालांकि सीटें बदलीं लेकिन आंकड़ा पूर्ववत रहा.अपना दल की अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर संसदीय क्षेत्र के सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई, जबकि रॉबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र में उनकी पार्टी ने पांच में से चार सीटों पर जीतपंजीकृत की.

पिछले विधानसभा चुनाव में बीएसपी को केवल 19 सीटें मिली थीं. इस बार उसने 65 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की. उसने बिजनौर, नगीना, लालगंज  जौनपुर लोकसभा सीटों के भीतर आने वाली सभी विधानसभा सीटों पर जीत पंजीकृत की है. बताते चलें कि बीएसपी को 10 लोकसभा सीटों पर जीत मिली है.

सपा को 45 विधानसभा सीटों पर बढ़त
पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को 47 सीटों पर जीत मिली थी. मौजूदा लोकसभा चुनाव में उसके प्रत्याशियों को कुल 45 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली. सपा को केवल अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के तहत आने वाले सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशियों से अधिक वोट मिले. हालांकि लोकसभा सीटों में सपा का आंकड़ा जस का तस रहा. 2014 में भी उसे पांच सीटें मिली थीं. इस बार भी इतनी ही मिलीं.

पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को 47 सीटों पर जीत मिली थी. मौजूदा लोकसभा चुनाव में उसके प्रत्याशियों को कुल 45 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली. सपा को केवल अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ के तहत आने वाले सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशियों से अधिक वोट मिले. हालांकि लोकसभा सीटों में सपा का आंकड़ा जस का तस रहा. 2014 में भी उसे पांच सीटें मिली थीं. इस बार भी इतनी ही मिलीं.
अमेठी लोकसभा क्षेत्र का आंकड़ा  भी दिलचस्प है. इस संसदीय सीट के भीतर आने वाली विधानसभा की पांच सीटों में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी सिर्फ अमेठी में ही बढ़त बना पाए. शेष चार सीटों पर उन्हें बीजेपी की स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा.

राजनीतिक दल–लोकसभा क्षेत्रों में जीत–विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त
भारतीय जनता पार्टी–62–274
बहुजन समाज पार्टी–10–65
समाजवादी पार्टी–05–45

अपना दल (एस)–02–09
कांग्रेस–01–08
जनसत्ता पार्टी–00–2