बता दें तांत्रे को करीब एक सप्ताह पहले ही यूएई ने हिंदुस्तान को सौंपा है. भारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जैश के इस आतंकवादी ने पुष्टि की है कि हमला जैश के आदेश पर किया गया था. व खान ही वो आदमी है जिसने हमले का नेतृत्व कर इसे अंजाम दिया. तांत्रे के द्वारा किए गए खुलासे से पहले इंडियन जांच एजेंसियां खुफिया जानकारी व जैश के निचले स्तर के आतंकवादियों से पूछताछ पर ही निर्भर थीं.
तांत्रे जैश के मारे गए आतंकवादी नूर अहमद का भाई है. वह इसी वर्ष एक फरवरी को हिंदुस्तान से भाग गया था. पहचान ना बताने की शर्त पर खुफिया ब्यूरो के ऑफिसर ने बोला है कि कश्मीर घाटी में जैश के कार्यकर्ताओं पर इसका जरूरी असर है.
जैश का यह आतंकवादी जम्मू व कश्मीर के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ कैंप पर दिसंबर 2017 में हमले का मुख्य साजिशकर्ता है. 30-31 दिसंबर, 2017 की रात हुए इस आतंकवादीहमले में पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे.
तांंत्रे ने पूछताछ में बोला कि खान ने उसे सोशल मीडिया एप की सहायता से काफिले पर हमले की योजना के बारे में बताया था. खान ने उससे बोला था कि फरवरी के मध्य में वह पुलवामा में ही कहीं भारी विस्फोटकों से हमला करने वाला है. खान ने तांत्रे से योजना बनाने व आतंकवादी हमले को अंजाम देने के लिए मदद मांगी थी. तांत्रे घाटी में जैश का सीनियर कमांडर रह चुका है.
हालांकि तांत्रे ने पुलवामा हमले में शामिल होने की बात से साफ मना कर दिया है. बता दें इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. बाद में पाक के आतंकवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली. जिसके बाद दोनों राष्ट्रों के बीच तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया. तांत्रे का कहना है कि जब दोनों राष्ट्रों के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हुई थी, तब वह दुबई में था.
एनआईए के ऑफिसर ने कहा, “निसार तांत्रे कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद का सीनियर कार्यकर्ता है. उसके स्तर के कमांडरों को सभी योजनाओं के बारे में पता होता है, विशेष रूप से पुलवामा जैसे हमले के बारे में, जिसकी योजना बनाने में महीनों का समय लगा.
हम हमले में उसकी किरदार को लेकर पूछताछ कर रहे हैं क्योंकि उसके यूएई जाने का समय संदिग्ध है. हो सकता है कि उसने पुलवामा हमले में सक्रिय भाग लिया हो व पकड़े जाने के भय से 14 फरवरी से दो सप्ताह पहले यूएई भाग गया हो.”