हिंदुस्तान को ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो लोगों की बढ़ती अपेक्षाओं को पूरी कर सकें, प्रणब मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कहना है कि हिंदुस्तान को ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो लोगों की बढ़ती अपेक्षाओं को पूरी कर सकें क्योंकि ‘अवास्तविक बहादुरी’ राष्ट्र का नेतृत्व नहीं कर सकती है. उन्होंने यह बातें सोमवार को एक प्रोग्राम के दौरान कहीं.
उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘अवास्तविक बहादुरी इस राष्ट्र का नेतृत्व नहीं कर सकती है. हिंदुस्तान को ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा कर सकें. राष्ट्र को गरीबी से मुक्ति पाने के लिए अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना है.’ उन्होंने इस बात को लेकर अपनी चिंता जाहिर की कि राष्ट्र के एक प्रतिशत हिंदुस्तानियों के पास कुल धन का 60 प्रतिशत भाग है.

उन्होंने उद्योगपतियों से लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद करने को कहा. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ‘स्थिति तब चिंताजनक हो जाती है यदि कोई यह देखे कि राष्ट्र के कुल धन का 60 प्रतिशत से अधिक भाग आबादी के एक फीसदी लोगों के पास है. यह आंकड़े हमारे लिए बोझ हैं. साथ ही आंकड़े यह भी बताते हैं कि हमारी वृद्धि को व अधिक समावेशी व समान होने की आवश्यकता है. जो लोग पीछे छूट गए हैं उन्हें विकास के दायरे में लाने की आवश्यकता है.’

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा खज़ाना के अनुसार हिंदुस्तान संसार की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. संयुक्त देश की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बोला कि 2019-20 में मार्च 2019 में खत्म होने वाले वित्त साल में हिंदुस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जो अनुमानित 7.4 फीसदी है.