अमरनाथ यात्राओ पर पहाड़ों से गिरता ये देख लोग हुए हैरान, नेताओ में भी मचा हडकंप

देश में अमरनाथ यात्रा प्रारम्भ हो चुकी है. एक जुलाई से जारी अमरनाथ यात्रा में इसबार आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा में पहुंच रहे हैं.

अमरनाथ यात्रा बेहद मुश्किल होती है. श्रद्धालु प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियों का सामना करते हुए यह यात्रा पूरी करते हैं. लेकिन उनकी मदद के लिए सेना के जवान मोर्चा संभाले रहते हैं. वो हर कदम पर भक्तों के साथ होते हैं. दरअसल बालटाल में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने एक ग्लेशियर में जगह-जगह पर पत्थर मारना जारी रखा. आईटीबीपी ने इसका वीडियो अपने ट्विटर पर शेयर किया.

दरअसल, अमरनाथ यात्रा के दौरान रास्ते पर बड़े-बड़े पत्थर के टुकड़े रास्ते पर तेजी से आकर गिरने लगे. वहां की सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी के जवान ने तुरंत मोर्चा संभाला व चट्टान की तरह पत्थरों के आगे खड़े हो गए.अपनी जान पर खेलकर आईटीबीपी के जवान श्रद्धालुओं की रक्षा कर रहे हैं.श्रद्धालुओं की तरफ आ रहे पत्थर को रोककर आईटीबीपी के जवानों ने उनकी जान बचाई.

बर्फीले पहाड़ों पर सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने में दक्ष इंडो-तिब्बतन बार्डर पुलिस (आईटीबीपी) श्री बाबा अमरनाथ यात्रा पर देश, विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं के लिए ढाल बन रही है. बाबा अमरनाथ की गुफा के निकट ग्लेशियर पर बर्फ में यात्रा को सुगम बनाने का बंदोबस्त करने के साथ आईटीबीपी के जवान पहाड़ों से गिरने वाले पत्थरों से यात्रियोंं केो बचाने के लिए हरदम तैयार है. ये जवान न सिर्फ यात्रा को सुरक्षित बना रहे हैं अपितु दुर्गम दशा में यात्रियों काे चिकित्सा सुविधा देने के लिए भी आईटीबीपी की मेडिकल टीमें सक्रिय हैं.

5 हजार आईटीपीबी जवान हैं तैनात
तीर्थयात्रियों को यात्रा के दौरान कोई समस्या न आए इसलिए इंडो- तिब्बत बॉर्डर पुलिस के करीब 5 हजार जवान अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बालटाल बेस कैंप से लेकर बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा तक तैनात किए गए हैं. वहीं आईटीबीपी जवानों को इस बार विशेष तौर पर बेसिक पैरा मेडिकल की ट्रेनिंग भी दी गई है. इस तरह की ट्रेनिंग देने का मुख्य उद्देश्य यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की मदद करना हैं.