बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 10 वर्ष तक सरकार इन लोगो को देगी पैसा

लोकसभा में बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया को संबोधित किया. मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बोला कि बजट को 10 वर्ष के विजन को ध्यान में रखकर पेश किया गया है.

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उन्होंने बोला  कि बजट में 10 का विजन  5 वर्ष का टारगेट सेट किया गया है. बजट 2019 में स्टार्टअप्स को कर फायदा का एक पूरा सेट दिया जा रहा है. निर्मला सीतारमण ने बोला कि बजट में ग्रामीण  शहरी के साथ-साथ सारे समाज का ध्यान रखा गया है.

केंद्रीय बजट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बोला कि अर्थव्यवस्था के समग्र विकास पर जोर बहुत स्पष्ट था. हमने ग्रामीण इनिशिएटिव को देखा, जो सभी ग्रामीण क्षेत्रों को निश्चित गति प्रदान करेंगे. इसी तरह हमने देखा कि शहरी   ज़िंदगी  कैसे बेहतर होने कि सम्भावना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बोला कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) हमारी बैंकिंग प्रणाली का एक जरूरी घटक हैं. सरकार ने एनबीएफसी वित्तपोषण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बोला कि बैंकों के पुनर्मुद्रीकरण के लिए 70,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. साथ ही उन्होंने बोला कि एससी, एसटी  गरीबों के कल्याण के लिए परिव्यय में वृद्धि की गई है.

पढ़ें बजट की अहम बातें:

मोदी सरकार ने घर खरीदने वालों को बड़ी राहत दी है. 45 लाख के घर पर अब 3.5 लाख रुपये ब्याज में छूट मिलेगी. इससे पहले 2 लाख थी. सस्ते मकान के लिए बैंक लोन के 3.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर कर छूट का प्रस्ताव. इसमें 15 वर्ष की अवधि के आवास लोन पर लाभ पाने वाले को सात लाख रुपये तक का लाभ होगा.

अब आयकर रिटर्न पैन कार्ड के अतिरिक्त आधार कार्ड से भी भरा जा सकेगा. वित्त मंत्री ने बोला कि आयकर रिटर्न फाइल करने के वक्त पैन न रहने की स्थिति में आधार कार्ड का प्रयोग किया जा सकता है. यानी इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए पैन  आधार में से एक ही महत्वपूर्ण होगी.

मोदी सरकार ने अपने बजट में यह स्पष्ट किया है कि स्टार्टअप के लिए जुटायें गए धन की इनकम टैक्स जाँच नहीं होगी.

इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को इस बजट में तोहफा मिला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर   GST 12  फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा है, जिसकी मंजूरी GST परिषद देगा. इलेक्ट्रिक वाहन के लिए लिये गये ऋण के 1.50 लाख रुपये तक के ब्याज पर इनकम टैक्स में छूट है. इलेक्ट्रिक वाहनों पर   GST  पांच  फीसदी  मिलेगा  400 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों को देना होगा मात्र 25 फीसदी कर देना होगा.  2018-19 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 11.37 लाख करोड़ रुपये रहा है.

आम करदाताओं को कर- रिटर्न दाखिल करने की सुविधा के लिये उन्हें पहले से भरे हुये रिटर्न फार्म उपलब्ध कराने की सुविधा दी जायेगी. ये फार्म ईपीएफओ सहित विभिन्न संस्थानों  प्रतिष्ठानों से प्राप्त किये जा सकेंगे. पांच लाख रुपये सालाना से अधिक आय पर ही करदाता कर देनदारी के दायरे में आयेंगे.

 

बैंक खाते से एक करोड़ से अधिक नकदी की निकासी पर 2 प्रतिशत का टीडीएस का प्रस्ताव रखा गया है. अगर कोई भी आदमी बैंक से एक वर्ष में एक करोड़ से अधिक की राशि निकालता है तो उसपर 2 प्रतिशत का TDS लगाया जाएगा यानी सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक निकालने पर 2 लाख रुपये कर में ही कट जाएंगे.

 

देश में 400 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनियों को अब 25 फीसदी की दर से कारपोरेट कर देना होगा. इससे पहले 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर कम दर से कर लगाया गया था. कंपनियों की कारोबार सीमा बढ़ने से अब 99.3 फीसदी कंपनियां घटे हुए दर के दायरे में आ गई हैं.