चेक बाउंस पर देना पड़ता है भारी जुर्माना

डिजिटल  कैशलैस बैंकिंग के युग में आज भी कई लोग चेक से भुगतान करते हैं. हालांकि चेक से होने वाले लेन-देन की संख्या में नोटबंदी के बाद से कमी देखी गई है, लेकिन फिर भी कई कंपनियां  पर्सनल ग्राहक फिर भी इससे भुगतान करना सही समझते हैं.
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लेकिन क्या आपको पता है कि चेक पर की गई एक छोटी सी गलती से आपको बड़ा नुकसान हो सकता है. इस गलती से आपके क्रेडिट स्कोर पर तो प्रभाव पड़ता ही है, साथ ही कारागारकी हवा भी खानी पड़ सकती है.

जिस गलती का जिक्र हम कर रहे हैं वो है चेक का बाउंस होना. इस गलती पर बैंक 800 रुपये तक की राशि आपके खाते से काट लेते हैं. चेक बाउंस दो तरीके से होता है. पहला खाते में राशि का कम होना  दूसरा, किसी तरह की तकनीकी गलती का होना जैसे हस्ताक्षर में बदलाव, शब्दों में गलती होना आदि.

बैंक वसूलते हैं इतना जुर्माना

चेक बाउंस होने पर बैंक 800 रुपये तक का जुर्माना वसूलते हैं.  एसबीआई 500 रुपये प्लस GST वसूल करता है. अगर किसी तकनीकी खामी की वजह से चेक रिटर्न हुआ तो बैंक 150 रुपये प्लस GST का चार्ज लेता है.

बैंक ऑफ बड़ौदा में एक लाख रुपये तक का चेक तकनीकी कारणों से रिटर्न होने पर 250 रुपये  एक लाख से एक करोड़ तक के चेक के लिए 750 रुपये तक का जुर्माना वसूला जाता है.इसी तरह आईसीआईसीआई, एक्सिस  एचडीएफसी बैंक में भी 500 रुपये से लेकर के 800 रुपये तक का जुर्माना वसूला जाता है.

वर्ष की हो सकती है जेल 

चेक बाउंस हिंदुस्तान में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 में हुए संशोधन के बाद सेक्शन 138 के तहत क्राइम माना जाता है. चेक बाउंस होने पर 2 वर्ष तक की कारागार या चेक में भरी राशि का दोगुना तक जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है. इसके तहत अगर अपर्याप्त बैलेंस के चलते चेक बाउंस होता है तो मुकदमा दर्ज किया जा सकता है.