सालो बाद खुला लाल किला का ये दरवाजा, देखने को उमड़ी भीड़

लाल किले के अंदर कुछ ऐसे पुरानी चीजों के मिलने से अंदाजा लगाया गया है कि यह पहले से ही बना हुआ था ।
बता दें महाराज अनंगपाल तोमर द्वारा दिल्ली को बसाने के क्रम में ही इसे बनाया गया था।

 

दिल्ली का लाल किला शाहजहां से भी कई शताब्दी पहले पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनाया हुआ था। महाराज अनंगपाल तोमर और कोई नहीं बल्कि महाभारत के अभिमन्यु के वंशज महाराज पृथ्वीराज चौहान के नाना थे।

इतिहास में लाल किला का असली नाम ‘लालकोट’ है। जिसे महाराज अनंगपाल द्वितीय ने सन् 1060 ईसा पूर्व में दिल्ली शहर को बसाने के लिए बनाया था।

दरअसल लाल किले में सूअर (वराह ) के मूह वेल चार नाल अभी भी लाल किले में एक खास महल में लगे हैं। किले के द्वार पर बाहर हाथी की मूर्तियां हैं।

ज्यादातर राजपूत राजा लोग हाथी के प्रति अपने प्रेम के लिए विख्यात थे। दीवाने खास मे केसर कुंड नाम से कुंड बना है, जिसके फर्श पर सनातनी क्षत्रियों के पूज्य कमल पुष्प अंकित है।

ज्यादातर लोग बताते हैं कि दिल्ली का लाल किला शाहजहां ने बनवाया था। अक्सर हमें यह भी पढ़ाया जाता है ।लेकिन दिल्ली का लाल किला शाहजाहँ के जन्म से सैकड़ों साल पहले ही बन चुका था ।