ब्‍लैक फंगस को लेकर एम्‍स के डॉक्‍टर ने चेताया, कहा – हवा के जरिये…

डॉ. टंडन ने जोर देते हुए कहा कि शरीर अपनी इम्यूनिटी के आधार पर ब्लैक फंगस से लड़ सकता है. उन्होंने कहा, अगर इम्यूनिटी मजबूत है, तो हमारा शरीर इससे लड़ने में सक्षम है.

इससे पहले AIIMS के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी ब्‍लैक फंगस के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि पिछले साल की तुलना में इस साल ब्‍लैक फंगस तेजी से बढ़ रहा है.

उन्‍होंने बताया था कि साल 2002 में SARS के प्रकोप के बाद म्यूकरमायकोसिस के बारे में पता चला था. गुलेरिया ने कहा, कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में इसका खतरा काफी ज्‍यादा है. इसके साथ ही अनियंत्रित डायबिटीज के मरीजों में भी इसका खतरा काफी देखा जा रहा है.

डॉ. टंडन ने कहा, म्यूकर हवा के जरिए भी दूसरे व्‍यक्ति को संक्रमित कर सकता है. अगर कोई व्‍यक्ति पूरी तरह से स्‍वस्‍थ है तो उससे उसे कोई समस्‍या नहीं होगी लेकिन अगर किसी इंसान के अंदर संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम है.

तो वह इसकी चपेट में हवा से भी आ सकता है. उन्‍होंने कहा कि हवा के जरिए भी ब्लैक फंगस फेफड़ों में प्रवेश कर सकता है, लेकिन इसकी संभावना बेहद कम है.

देश में कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के बीच ब्‍लैक फंगस (Black Fungus) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. देश में ज्‍यादातर राज्‍यों में ब्‍लैक फंगस के मरीज देखने को मिल रहे हैं.

ब्‍लैक फंगस को लेकर अब एम्‍स (AIIMS) के प्रोफेसर और एंडोक्रिनोलॉजी और मेटाबॉलिज्म विभाग के प्रमुख डॉ. निखिल टंडन ने बड़ी जानकारी दी है.

डॉ. टंडन के मुताबिक म्‍यूकर मायोसिस (Mucormycosis) हवा (Air) के जरिए भी फेफड़ों (Lungs ) में घुस सकता है, हालांकि इसकी संभावना बेहद कम है.