सर्वाइकल कैंसर के इन लक्षणों को इग्नोर कर देती हैं महिलाएं, डॉक्टर से जानें पहचान के तरीके

सर्वाइकल कैंसर भारत में तेजी से बढ़ती हुई बीमारी है. ये कैंसर महिलाओं को होता है और ये उनमें होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है. इस कैंसर से हर 8 मिनट में 1 महिला की जान चली जाती है. ये कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) नाम के वायरस की वजह से होता है. कई मामलों में ये वायरस खुद ही खत्म हो जाता है, लेकिन कुछ मामलों में ये वायरस सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है. कमजोर इम्यूनिटी वाली महिलाओं मे इस कैंसर का रिस्क ज्यादा होता है. महिलाओं को इस कैंसर के शुरुआती लक्षणों की भी जानकारी नहीं होती है. इस वजह से ये बीमारी बढ़ती रहती है और कुछ सालों बाद कैंसर बन जाती है. आज भी भारत में इस बीमारी के कई मामले अंतिम स्टेज में आते हैं. इस कारण बीमारी का इलाज भी मुश्किल हो जाता है. आइए डॉक्टर से इस कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में डिटेल में जानते हैं. इसको जानने के लिए हमने सफदरजंग हॉस्पिटल में गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सलोनी चड्ढा से बातचीत की है.

(हर साल बढ़ रहे कैंसर के मामले)

क्या है सर्वाइकल कैंसर

डॉ सलोनी बताती हैं किजब किसी व्यक्ति के शरीर में सेल्स अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती है तो कैंसर होता है. कैंसर शरीर के जिस हिस्से में होता है उसे उसी नाम से जाना जाता है. जब कैंसर किसी महिला के गर्भाशय ग्रीवा में होता है तो उसे सर्वाइकल कैंसर कहते हैं. आम भाषा में इसे बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहते हैं. एचपीवी वायरस, असुरक्षित यौन संबंध और यौन बीमारियां जैसे सिफलिस, गोनोरिया के कारण भी सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है.

क्या होते हैं शुरुआती लक्षण

डॉ सलोनी बताती हैं कि जिन महिलाओं को पीरियड्स समय पर न आना, प्राइवेट पार्ट से दुर्गंधयुक्त स्राव और पैल्विक एरिया में लगातार दर्द बने रहना इस कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. इन लक्षणों को किसी भी महिला को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. अगर किसी महिला को ये परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. अगर शुरू में ही बीमारी की पहचान हो गई तो इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है.

कम उम्र में भी हो सकता है कैंसर

अधिकतर मामलों में सर्वाइकल कैंसर के केस 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं में आते हैं, लेकिन आज के समय में कम उम्र में भी ये कैंसर हो सकता है. खराब लाइफस्टाइल, खानपान की गलत आदतों और मेंटल स्ट्रेस कैंसर का एक बड़ा कारण है. ऐसे में जरूरी है कि लोग अपनी सेहत का ध्यान रखें.

सर्वाइकल कैंसर का हो सकता है इलाज

क्या हैं बचाव

इस कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी टीका लगता है. 9-14 वर्ष की लड़कियां को यह टीका लगवाना चाहिए. यह कैंसर और जननांग मस्सों का कारण बनने वाले एचपीवी वायरस के संक्रमण को रोकता है. फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए 2 खुराक की सिफारिश करती है.

अच्छी बात यह है कि भारत सरकार ने 9-26 आयु वर्ग के पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सर्व वैक वैक्सीन (CERVAVAC Vaccine) को मंजूरी दे दी है. यह स्वदेशी टीका है. सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसको बनाया है.