कोरोना को लेकर सामने आया ये बड़ा सच, महिलाओं से ज्यादा…

इस नए वायरस का नाम सार्स-Co V नाम दिया गया था। माना जा रहा है कि सार्स-Co V-2 नामका वायरस ही वर्तमान की कोविड-19 महामारी का कारण है।

 

द ट्रैवल मेडिसिन एंड इन्फेक्शस में प्रकाशित हुई रिपोर्ट में कोरोना वायरस का कारण बताया गया है, इस शोध में कहा गया कि ताइवान में 31 जनवरी तक सामने आए थे और सार्स मरीज यहां 25 अप्रैल से 19 मई 2003 तक रहे थे।

इस अध्ययन में पाया गया है कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा इस सार्स बीमारी ( प्रभावित होने वाले पुरुष महिलाओं को अनुपात 0.52:1) से प्रभावित होती हैं।

जबकि कोविड-19 से वुहान में पुरुष और महिलाओं के प्रभावति होने का रेशियो है 1.3:1। कुल मिलाकर कोरोना बीमारी से पुरुषों को ज्यादा खतरा है।

सार्स से 5 से 90 की आयु वाले लोग मुख्य रूप से प्रभावित होते हैं। हालांकि औसतन 36.6 साल कोरोना की तुलना में 20 साल कम है।

अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करता है। जो कि सार्स की तुलना में विपरीत है। इसके अलावा कोविड-19 से प्रभावित होने वाले ज्यादातर लोगों की उम्र सार्स के मरीजों से 20 साल कम है।

देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अब तक 258 मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे अधिक 63 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लोगों से रविवार को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है।

ताइवान में हुए एक तजा अध्ययन में सामने आया है कि महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को कोरोना वायरस से खतरा है। इस अध्ययन में वर्तमान कोरोना बीमारी या कोविड-19 और 2003 कि सार्स (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) बीमारी में अंतर भी बताया गया है।

2003 मेँ सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम चीन के हुबेई प्रान्त में फ़ैला था जिसमे चीन और होन्ग कॉंग के 774 लोग मारे गए थे, सार्स का पहला केस कोरोना वायरस के आपसी उत्परिवर्तन के कारण पैदा हुआ था।