हर वैक्सीन का तीसरा चरण बहुत ज्यादा लम्बा समय लेता है. इसके बाद ही पता चलेगा कि यह कितनी अच्छा है. ऐसे में हम अगले वर्ष के मध्य तक बड़े पैमाने पर कोरोना के टीकाकरण की उम्मीद नहीं कर सकते.
कौन सी वैक्सीन पर मानकों पर खरी, पता नहीं डाक्टर हैरिस का बोलना है, दुनियाभर में जो भी वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं, उन्हें आपस में आंकड़े व परिणाम साझा करने की आवश्यकता है.
तीसरे चरण के ट्रायल में लम्बा समय लगेगा डाक्टर हैरिस के मुताबिक, रूस ने अपनी वैक्सीन का दो महीने से भी कम समय में ट्रायल पूरा करके अप्रूव कर दिया.
इसकी निंदा दुनियाभर के कई वैज्ञानिकों व सरकारों ने की है. इसके अतिरिक्त अमेरिकी कम्पनी फाइजर का बोलना है, उनकी वैक्सीन अक्टूबर तक लोगों तक पहुंच जाएगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता डाक्टर मारग्रेट हैरिस ने कहा, दुनियाभर की कई वैक्सीन एडवांस स्टेज के क्लीनिकल ट्रायल में हैं. इनमें से कोई भी वैक्सीन कोरोना को रोकने में 50 प्रतिशत तक भी असरदार साबित नहीं हुई है. महामारी के इस दौर में किसी भी वैक्सीन से यह उम्मीद की जाती है कि यह कम से कम 50 प्रतिशत तो असरदार हो.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वैक्सीन पर बड़ा बयान दिया है. संगठन का बोलना है कि बड़े पैमाने पर कोरोना के टीकाकरण की उम्मीद अगले वर्ष मध्य तक भी नहीं की जा सकती. अभी भी दुनियाभर में वैक्सीन के ट्रायल सारे नहीं हुए हैं.