WHO वैज्ञानिकों का बड़ा दावा, चीन के वुहान लैब से नहीं फैला कोरोना, अब इस देश की बारी

चीन पर ये आरोप लगाए गए थे कि उसने महामारी की शुरूआत में इससे निपटने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाए थे. टीम के सदस्य पीटर दजाक ने मध्य चीन के शहर वुहान की चार दिनों की यात्रा पूरी करते हुए हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद कहा था कि अगला कदम क्या होना चाहिए, उस पर हमारे पास एक स्पष्ट संकेत हैं. यह कार्य किए जाने पर हमें काफी कुछ जानकारी मिलेगी.

रॉटरडैम में इरास्मस यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में वायरोसाइंस डिपार्टमेंट के प्रमुख कोपामन्स ने कहा कि उनकी टीम ने जांच के रूप में वुहान में हुनान बाजार के निकटतम तीन लैब का भी दौरा किया था और उनके प्रोटोकॉल और रिसर्च की जांच की थी.

मालूम हो कि डब्ल्यूएचओ टीम का यह दौरा चीन के लिए राजनीतिक रूप से बेहद संवदेनशनील विषय था और पूरी दुनिया की इस पर नजरें थी.

उन्होंने कहा कि यह संभव है कि वायरस पालतू और खेती करने वाले जानवरों से होता हुआ वन्यजीव व्यापार के चलते वुहान पहुंचा. बता दें कि डॉ दजाक डब्ल्यूएचओ द्वारा भेजे गए चार सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम का हिस्सा थे. उनके साथ प्रोफेसर डेविड हेयमैन, प्रोफेसर मैरियन कोपामन्स और प्रोफेसर जॉन वॉटसन भी जांच के लिए चीन गए थे.

चैथम हाउस थिंक-टैंक के एक वर्चअल इवेंट में बोलते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि उन्हें वुहान की मीट बाजार, जहां पहली बार लोग इस वायरस की चपेट में आए थे, और दक्षिण चीन के पड़ोसी क्षेत्र, जहां संक्रमित चमगादड़ मिले थे, के बीच एक ‘लिंक’ मिला. मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य पर रिसर्च करने वाले एक वैश्विक गैर-लाभकारी संस्थान इकोहेल्थ एलायंस के अध्यक्ष और जूलॉजिस्ट डॉ पीटर दजाक ने कहा कि वुहान से दक्षिण चीन के प्रांतों के बीच एक ‘पाइपलाइन’ थी, जहां वायरस से संक्रमित चमगादड़ पाए गए थे.

कोरोना (Corona) महामारी की उत्पत्ति की जांच करने के लिए चीन की यात्रा करने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के चार वैज्ञानिकों ने कहा है कि वर्तमान में ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं .

जिनसे ये साबित हो कि कोरोनावायरस वुहान की लैब (Wuhan Lab) से लीक हुआ था. विशेषज्ञों ने कहा कि इसके विपरीत संभावना यह है कि कोरोना महामारी जानवरों के व्यापार (Animal Trade) के कारण फैली है.