चीन से परेशान हुआ WHO, नहीं साझा कर रहा…

छानबीन में ऐसे ईमेल और आधिकारी दस्तावेज हाथ लगे हैं जिससे खुलासा हुआ है कि चीन ने कोरोना वायरस से जुड़े जेनेटिक मैप, जीनोम की संरचना से जुड़े अहम तथ्य कई हफ़्तों तक छुपाए रखे जबकि चीन की कई सरकारी लैब में इस सब पर रिसर्च पूरी हो चुकी थी.

 

चीन ने कोरोना टेस्ट, दवा और वैक्सीन से जुड़ी रिसर्च का डेटा भी WHO से साझा करने में न सिर्फ देर की बल्कि शक है कि कुछ चीजें छुपा भी ली हैं.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) लगातार वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) पर चीन (China) का पक्ष लेने का आरोप लगाते रहे हैं.

WHO और अन्य लैब तक पहुंचाने में चीन ने हफ़्तों का समय ले लिया था. इन दस्तावेजों में कई ईमेल, चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज और दर्जनों कोरोना मरीजों और इलाज करने वाले लोगों के इंटरव्यू भी शामिल हैं.

इन ईमेल्स से ये पता चलता है कि भले ही WHO ने सार्वजनिक रूप से चीन की आलोचना नहीं की लेकिन संस्था लगातार चीन से न सिर्फ डेटा मांग रही थी

हालांकि अब एक खुलासे में सामने आया है कि खुद WHO भी कोरोना वायरस (Coronavirus) वैक्सीन रिसर्च के मामले में चीन से काफी परेशान हो गया है.

चीन पर पहले भी आरोप लगा है कि वह जानबूझकर वैक्सीन रिसर्च की कोशिशों में अड़ंगा लगा रहा है, अब सामने आया है कि वो लगातार WHO से भी कोरोना वायरस से जुड़ी रिसर्च का डेटा साझा करने में आनाकानी कर रहा है.