भारत ने नेपाल के बीच हुआ ये, जानकर चीन के छूटे पसीने

तराई सड़के की परियोजना ने नेपाल के तराई क्षेत्र में सड़क के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद की है और दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों के बीच लोगों के आपसी संबंधों को बढ़ावा दिया है.

भारत और नेपाल के द्विपक्षीय संबंधों ने दोनों देशों के बीच विकास सहयोग में एक और मील का पत्थर के रूप में देखा जा रहा है. गौरतलब है कि भारत की मदद से बनाई गई यह सड़के तराई इलाकों में परिवहन सेवा को बेहतर करने में मदद करेगी और इलाके के विकास में मदद करेगी.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन सड़कों का निर्माण ‘भारत सरकार के वित्त पोषण और नेपाल सरकार के कार्यान्वयन’ के तहत किया गया है.

इस परियोजना के तहत बनी सड़के में ड्रेनेज, रोड मार्किंग और रिहायशी इलाके में फुटपाथ के साथ रेलिंग भी लगाया गया है. इस परियोजना के जरिए 111 किलो मीटर लंबा ड्रेनेट सिस्टम तैयार किया गया है और 650 से अधिक पुलों का निर्माण कराया गया है.

दक्षिणी नेपाल के तराई क्षेत्र में दस सड़को का लोकार्पण किया जिसे भारत की मदद से बनाया गया है. इन सड़कों का लोकार्पण बुधवार को किया गया.

इन सभी दस सड़को को बनाने में 800 करोड़ की लागत आई है. नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा और नेपाल के बुनियादी ढांचा एवं परिवहन मंत्री बसंत कुमार नेमबांग ने संयुक्त रूप से इन सड़कों को देश की जनता को समर्पित किया.