आखिर ट्रेन के डब्बों में क्यों होता है नीला रंग, वजह जानकर उड़े लोगो के होश

उस जमाने में सभी ट्रेनों को लाल रंग से रंगा जाता था। कभी-कभी ऐसा होता था कि एयर ब्रेकिंग सिस्टम वाले डिब्बे को वैक्यूम ब्रेकिंग सिस्टम में लगा दिया जाता था जिससे पता नहीं चल पाता था कि इस डिब्बे में कौन सा ब्रेकिंग सिस्टम लगा है? इस कारण से असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती थी।

 

इसी परेशानी को दूर करने के लिए जिस भी ट्रेन में नई वाली एडवांस ब्रेकिंग सिस्टम लगाई गई थी उस ट्रेन को ब्लू रंग से पेंट कर दिया गया और पुरानी वाली को लाल रंग ही रहने दिया गया।

आजकल यही ट्रेन पूरे भारत में चलती है इस कारण से पूरी ट्रेन को ब्लू रंग के पेंट कर दिया गया था। अब आप सोचेंगे की राजधानी, शताब्दी तो लाल रंग का होता है,तो क्या इसमें भी पुराने जमाने के वैक्यूम ब्रेकिंग सिस्टम लगाया जाता है?

कुछ सालो बाद एक नया ब्रेकिंग सिस्टम का निर्माण हुआ।इस ब्रेकिंग सिस्टम का नाम था एयर ब्रेकिंग सिस्टम।  यह ब्रेकिंग सिस्टम वैक्यूम ब्रेकिंग सिस्टम से बहुत ज्यादा तेज काम करती थी। इस ब्रेकिंग सिस्टम के सफलता को देखते हुए भारतीय रेल ने सभी ट्रेनों में ये एयर ब्रेकिंग सिस्टम लगाना चालू कर दिया।

सन् 1990 के पहले ट्रेनों का रंग लाल रंग का होता था।उस जमाने में ट्रेनों को रोकने के लिए वैक्यूम ब्रेकिंग सिस्टम का इस्तमाल किया जाता था।

ये वैक्यूम ब्रेकिंग सिस्टम बहुत ही पुराने ज़माने की थी,इस कारण से ट्रेन में ब्रेक बहुत धीरे से लगता था और ट्रेनों को रोकने के लिए काफी दिक्कत होती थी।

आपने कभी ना कभी ट्रेन को जरूर देखा होगा। भारतीय रेल पर हर दिन करोड़ों लोग सफ़र करते है। ट्रेन का रंग जायदा तर ब्लू होता है तो कुछ लाल रंग के भी होते है।लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बहुत सारे ट्रेन का रंग ब्लू क्यों होता है? आइए जानते है इसके बारे में