चीन और पाकिस्तान के बीच हुआ ये, कहा मिलकर करेंगे इस देश का सफाया

शाह महमूद कुरैशी की चीन यात्रा उस समय हुई है जब पाकिस्तान प्रमुख इस्लामी देश सऊदी अरब की ओर से उपेक्षा का सामना कर रहा है। कुरैशी ने पिछले दिनों कश्मीर मुद्दे पर कथित उदासीनता बरतने के लिए सऊदी अरब की आलोचना की थी .

 

जिसके बाद अरब देश ने पाकिस्तान के प्रति कड़ा विरोध जताया था। सऊदी ने पाकिस्तान से कहा था कि वह उसे दिए गए कर्जे की धनराशि वापिस करे।

पाकिस्तान ने चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ परियोजना के प्रति अपना समर्थन दोहराते हुए कहा कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के दूसरे चरण की परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा।

पाकिस्तान ने ताइवान, तिब्बत, हांग-कांग और मुस्लिम बहुल शिजिंयांग प्रांत आदि मुद्दों पर चीन के रवैए का समर्थन किया। दोनों देशों ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस महामारी का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए तथा किसी देश पर दोषारोपण नहीं किया जाना चाहिए।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ कश्मीर सहित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की जिसके बाद उन्होंने दोनों देशों को ‘फौलादी-भाई’ और स्थाई मित्र की संज्ञा दी। दोनों पक्षों ने कहा कि वे साझा हितों की मिलकर रक्षा करेंगे।

दो दिवसीय यात्रा पर चीन गए कुरैशी ने चीन के हेनान प्रांत में वांग यी के साथ शुक्रवार को रणनीतिक साझेदारी के दूसरे राउंड की बातचीत की। बैठक में कश्मीर के मुद्दे पर भी चर्चा हुई जिसमें चीन ने अपने इस पुराने रवैए को दोहराया की, वह इस क्षेत्र में किसी तरह की एकतरफा कार्रवाई का विरोध करता है।

चीन ने कश्मीर मुद्दे को इतिहास की विरासत बताते हुए कहा कि इस समस्या का समाधान संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों के अनुरूप शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। चीनी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में कोई एक तरफा ऐसी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए जिससे स्थिति और जटिल हो।