बिना वैक्सीन के कोरोना मरीज होंगे ठीक, वैज्ञानिकों ने किया दावा, बताया ये तरीका…

वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि मनुष्यों पर इस नए जनरेशन इलाज के परिणाम पास आने लगेंगे तो अगले वर्ष की आरंभ में इसे तैयार किया जा सकता है. इस इलाज के माध्यम से लोगों को बिना सोशल डिस्टेंसिंग के घूमने की आजादी मिल जाएगी व लोग बिना किसी डर के बाहर घूम सकेंगे.

न्यू जनरेशन उपचार यानि कि सार्स ब्लॉक थेरेपी को अमेरिका में तैयार किया जा रहा है व ब्रिटेन के निवेशक इसमें पैसा लगा रहे हैं. इस इलाज को कोरोना वायरस पर आधारत सिंथेटिक प्रोटीन सीक्वेंस से तैयार किया जा रहा है.

यह एक कॉक के जैसे कार्य करेगा व वायरस को शरीर रिसेप्टर सेल्स (एसीई-2 रिसेप्टर) में प्रवेश करने से रोकेगा. इस इलाज से ना केवल शरीर में वायरस के प्रवेश को रोका जा सकता है, बल्कि वायरस की पहचान कर इम्यून सिस्टम को उससे लड़ने के लिए तैयार किया जा सकता है.

जब तक वैक्सीन नहीं बन रही है तब तक वैज्ञानिकों ने एक नए जनरेशन के इलाज का दावा किया है. इसके माध्यम से कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीजों को बीमार नहीं पड़ने दिया जाएगा व उनकी जान बचाने पर अधिक जोर दिया जाएगा.

विश्व में इस समय अधिकांश वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं. विश्व को कोरोना के साथ रहते हुए सात महीने से अधिक गुजर चुके है व अब वैक्सीन भी तक़रीबन तैयार हो गई है. रूस ने वैक्सीन बनाने का तो दावा कर दिया है, किन्तु अमेरिका, ब्रिटेन जैसे राष्ट्रों में वैक्सीन का कार्य अभी भी जारी है.