भारत में स्थित चीनी दूतावास ने अपनी मैग्जीन के जुलाई अंक में भारत-चीन के संबंधों को लेकर बात की है। इसमें बोला गया है कि, ‘हर रिश्तों में दशा ऊपर-नीचे होते रहते हैं, हाल ही में सीमा पर जो टकराव हुआ है.
बयान में बोला गया है कि, ‘अब जब बॉर्डर पर सेनाओं के बीच वार्ता जारी है व सैनिकों को पीछे हटाने का दौर चल रहा है, तब दोनों राष्ट्रों को मित्र की तरह व्यवहार करना चाहिए ना कि दुश्मन की तरह।
पिछले कुछ समय में दोनों मुल्कों ने साथ में विकास यात्रा को आगे बढ़ाया है उसे ही साथ लेकर चलना चाहिए व एक दूसरे के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए।
उसकी वजह से हिंदुस्तान व चाइना को अपने संबंध बेकार नहीं करने चाहिए। साथ ही दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों ने जो विज़न रखा है उस पर आगे बढ़ना चाहिए’।
भारत व चाइना के रिश्तों में मई के बाद से ही दरार बढ़ती जा रही है। लद्दाख में हुई चीनी घुसपैठ के बाद से ही सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ी हुई है, इसके साथ ही दोनों सेनाओं के बीच वार्ता का दौर चल रहा है। अब चाइना की तरफ से बयान दिया गया है कि दोनों राष्ट्रों को साथ में आगे बढ़ना चाहिए, एक-दूसरे को शक की निगाह से नहीं देखना चाहिए।