अब इस देश से बढ़ी चीन की तनातनी, उठाया ये बड़ा कदम

अपने बयान में विभाग ने बोला है कि मानवाधिकार उल्लंघन, चाइना के दमनकारी अभियान में हुए दुर्व्यवहार, मनमाने ढंग से कैद करने, जबरन कार्य कराने व उइगर समुदाय की उच्च तकनीक द्वारा निगरानी में संलिप्तता के चलते 33 चीनी कंपनियों व संस्थानों को ब्लैकलिस्ट किया गया है।

 

अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने यह कदम चाइना द्वारा हांगकांग पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने की अपनी योजना का खुलासा करने के एक दिन बाद उठाया है।

अमेरिकी वाणिज्य विभाग के मुताबिक, कम से कम सात शीर्ष टेक कंपनियों को चाइना के हाई-टेक्नोलॉजी सर्विलांस को सक्षम करने की मंजूरी मिली हुई थी। जबकि, 24 अन्य कंपनियां, सरकारी संस्थान व वाणिज्यिक संगठन चीनी सेना द्वारा प्रयोग किये जाने वाले साजोसामान की खरीद में शामिल थे।

2019 में भी इसी तरह के 28 चीनी पब्लिक ब्यूरो व कंपनियों ब्लैकलिस्ट सूची में डाला गया था। इन कंपनियों पर उइगर समुदाय के साथ दुर्व्यवहार करने का शक था। इस सूची में चाइना के कुछ टॉप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप व वीडियो निगरानी कंपनी भी शामिल थीं।

वॉशिंगटन की यह कार्रवाई उसी ब्लूप्रिंट का भाग है, जिसमें Huawei Technologies Co Ltd के असर को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर सीमित करना शामिल है। पिछले हफ्ते, अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने चिप मेकर्स तक Huawei की पहुंच को सीमित करने की प्रयास की थी।

अमेरिका व चाइना के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने चाइना की 33 कंपनियों एवं इंस्टीट्यूट को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इन कंपनियों पर अल्पसंख्यक समुदाय की जासूसी के लिए बीजिंग की मदद करने व कथित तौर पर चीनी सेना से संबंध रखने का आरोप है।