ऑस्ट्रेलिया के स्टार ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने हाल ही में कुछ वक्त के लिए क्रिकेट से ब्रेक लेने का निर्णय किया है. इसके बाद से खिलाड़ियों के मानसिक तनाव व समस्याओं को लेकर तमाम तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं.
खिलाड़ियों में मानसिक स्वास्थ्य के मसलों को लेकर जब टीम इंडिया के कैप्टन विराट कोहली से सवाल किया गया तो इसका जवाब देते हुए रन मशीन अपने बुरे दौर में चले गए जब उन्हें लगता था कि अब सबकुछ समाप्त सा हो गया है.
बांग्लादेश के साथ टेस्ट सीरीज से पहले जब विराट से यह सवाल किया तो उन्होंने बोला कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी को अपनी बात रखने का कौशल होना चाहिए. मेरी नजर में विराट ने शानदार कार्य किया है. इस दौरान अपने बुरे दौर को याद करते हुए उन्होंने 2014 के इंग्लैंड दौरे का जिक्र करते हुए बोला कि मैं भी अपने करियर में ऐसे मोड़ से गुजरा हूं कि मुझे लगा कि संसार समाप्त हो गई.
विराट ने बोला कि मुझे तब समझ नहीं आता था कि मैं क्या करूं, किससे क्या कहूं. इसके आगे विराट ने पत्रकारों से बोला कि आपका भी कार्य है व मेरा भी कार्य है. हर इंसान अपने कार्य पर फोकस करता है, यह पता करना कठिन है कि दूसरे इंसान के दिमाग में क्या चल रहा है. कोहली ने बोला कि इस तरह की चीजों को सकारात्मक रूप में लिया जाना चाहिए. मैक्सवेल ने पूरी संसार में अपना लोहा मनवाया है. ऐसी स्थिति किसी भी खिलाड़ी के साथ हो सकती है. बता दें कि 14 नवंबर से भारत-बांग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेला जाना है.