उत्तराखंड सरकार ने स्थगित की चार धाम यात्रा, श्रद्धालुओं के लिए की ये तैयारी…

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने 25 जून को चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में स्थानीय लोगों के लिए एक जुलाई से चार धाम यात्रा शुरू करने का फैसला किया था, जहां ये मंदिर स्थित हैं.

चमोली के स्थानीय लोगों को बद्रीनाथ धाम, रुद्रप्रयाग के लोगों को केदारनाथ धाम और उत्तरकाशी के लोगों को गंगोत्री और यमुनोत्री में दर्शन की अनुमति दी गयी थी. फिलहाल सभी मंदिरों में केवल पुजारियों को ही पूजा कि अनुमति है. जो अब अगले आदेश तक जारी रहेगी.

राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने मीडिया से कहा था कि सरकार हाई कोर्ट के आदेश की जांच करेगी और जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगी.

लेकिन आज सरकार ने यू-टर्न ले लिया और यात्रा को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया. अदालत ने सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि चार धाम मंदिरों के गर्भगृह के भीतर होने वाले समारोहों को भक्तों के लिए लाइव स्ट्रीम किया जाए.

मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने सोमवार को राज्य में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की उपलब्धता से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए स्थगन आदेश जारी किया था. कोर्ट ने चार सप्ताह के लिए यात्रा पर रोक लगा दी थी और सरकार से पूरी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.

सोमवार को सरकार ने चार धाम यात्रा के पहले चरण के लिए एसओपी जारी किया था. जिसमें चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों के निवासियों को पूर्व पंजीकरण और आरटीपीसीआर/ट्रूनेट/आरएटी कोविड की नकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट के बाद यात्रा की अनुमति दी जाने की बात कही गयी थी.

एसओपी में कहा गया था कि उत्तराखंड के सभी निवासियों को 11 जुलाई से दूसरे चरण में चार मंदिरों में जाने की अनुमति दी जायेगी, यदि वे एक नकारात्मक कोविड परीक्षण रिपोर्ट लेकर आते हैं.

उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने मंगलवार को चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया है.

राज्य के हाई कोर्ट (High Court) द्वारा एक जुलाई से तीन जिलों के स्थानीय निवासियों के लिए यात्रा की अनुमति देने के उत्तराखंड कैबिनेट के फैसले पर चार सप्ताह के लिए रोक लगाने के एक दिन बाद यह फैसला किया गया. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक आधी अधूरी जानकारी के लिए कोर्ट ने सरकार को फटकार भी लगायी थी.