उत्तराखंड बिजली संकट अब राज्य के बड़े शहरों तक भी पहुंच गयी , लोगो को हो रही परेशानी

उत्तराखंड बिजली संकट अब राज्य के बड़े शहरों तक भी पहुंच गया है। राज्य के एक बड़े हिस्से में घंटों बिजली कटौती रही। शुक्रवार के लिए भी चार मिलियन यूनिट बिजली कम पड़ रही है। ऐसे में उद्योगों समेत ग्रामीण, शहरी आबादी को बिजली संकट से जूझना होगा।राज्य में उद्योगों को तो बिजली संकट से राहत देने का दावा ऊर्जा निगम यूपीसीएल की ओर से किया गया।

हालांकि स्टील कंपनियों से जुड़े फर्नेश उद्योगों में जरूर छह घंटे तक की बिजली कटौती हुई। सुबह और रात के समय अलग अलग पावर कट हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में भी तीन घंटे की कटौती हुई। छोटे शहरों में दो घंटे, तो बड़े शहरों में भी एक घंटे तक का पावर कट रहा। इसमें देहरादून अछूता रहा।

शुक्रवार को राज्य में बिजली की मांग 44.5 एमयू है। इसके मुकाबले उपलब्धता 29.5 एमयू ही है। 15 एमयू बिजली की व्यवस्था बाजार से की जा रही है।  चार एमयू बिजली की अभी भी कमी है। शुक्रवार को भी कटौती वहीं बिजली कटौती का असर धीरे धीरे पेयजल सप्लाई सिस्टम पर भी पड़ने लगा है। पावर कट बढ़ने पर यह दिक्कत और बढ़ सकती है।

अप्रैल के महीने में उत्तराखंड में कभी भी बिजली का  ऐसा संकट नहीं रहा। राज्य ने कभी भी बाजार से अधिकतम पांच एमयू से अधिक बिजली नहीं खरीदी। इस बार 15 एमयू तक बिजली बाजार से खरीदनी पड़ रही है। ऐसा संकट इस बार गैस प्लांट से मिलने वाली आपूर्ति का ठप रहने और मांग चार एमयू तक बढ़ने के कारण हुआ है।

पिछले सालों तक राज्य को इस मौसम में 7.5 एमयू तक बिजली गैस प्लांटों से मिल जाती थी। जो कि इस बार शून्य है। बिजली की मांग भी इस समय 38 एमयू के आस पास ही रहती थी। इस बार यही मांग 44.5 एमयू तक पहुंच गई है। सामान्य समय में बिजली की ये मांग जून पहले सप्ताह तक पहुंचती थी। उस समय तक यूजेवीएनएल का उत्पादन भी 24 एमयू तक पहुंच जाता था। जो 13.5 एमयू तक ही सीमित है। राज्य को न तो राज्य के गैस प्लांट और न ही बाहर के गैस प्लांटों से बिजली मिल पा रही है।