कुंभ मेले में हर रोज आने वाले लाखों लोगों का आरटीपीसीआर टेस्ट करना संभव नहीं था। बता दें, इससे पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने एसओपी जारी करके तीर्थयात्रियों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया था।
तीरथ सिंह रावत ने आगे कहा, ‘हम चाहते हैं संत, श्रद्धालु, व्यापारी और स्थानीय लोग खुश रहें। हम सुनिश्चित करेंगे कि कोविड-19 के नियमों का पालन हो साथ ही कुंभ में जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहें।’
सीएम तीरथ सिंह रावत ने यह भी संकेत दिया कि सरकार विवादास्पद देवस्थानम अधिनियम की समीक्षा करेगी, जिसमें सरकारी नियंत्रण के तहत बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, और यमुनोत्री मंदिर सहित 55 मंदिर हैं।
उन्होंने कहा कि वह पुजारियों से बात करेंगे और उनके दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करेंगे। दरअसल, मुख्यमंत्री शनिवार को बीजापुर स्थित सेफ हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ मेला केवल उत्तराखंड का नहीं है। यह देश और दुनिया का कुंभ है। यह भावनात्मक विषय है। आस्था से जुड़ा है। चूंकि 12 साल में आता है, इसलिए लोग 12 साल से इस आयोजन का इंतजार करते हैं। वह नहीं चाहते कि लोग यह अवसर गंवा दें।
अब हरिद्वार महाकुंभ में आने वाले तीर्थयात्रियों को अपनी कोविड निगेटिव रिपोर्ट लाने की जरूरत नहीं होगी। उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को कहा कि आधिकारिक रूप से हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेला 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा।
उन्होंने कहा कि कोविड निगेटिव रिपोर्ट लाने की बाध्यता हटाने का फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि कुंभ के लिए हरिद्वार आने वाले लोगों के मन में इससे जुड़े भ्रम थे, इसलिए जरूरी था कि इन सभी संशयों को दूर कर दिया जाए।