खांसी जुकाम की समस्या को दूर करने के लिए करे मुलहठी का उपयोग

अगर आप सूखी खांसी या गले की समस्या से परेशान है, तो मुलहठी आपके लिए कार्य की वस्तु है। काली मिर्च के साथ पीस कर मुलहठी का सेवन, सूखी खांसी में तो फायदेमंद है ही साथ ही चूसने या उबालकर सेवन करने से गले की खराश और दर्द में फायदा होता है।

 

खांसी जुकाम से बड़े हुए कफ को कम करने के लिए मुलहठी का ज्यादातर उपयोग किया जाता है। बड़े हुए कफ से गला, नाक, छाती में जलन हो जाने जैसी अनुभूति होती है, मुलहठी को शहद मिलाकर चाटने से बहुत लाभ होता है।

इसे जेठीमध, मधुक, मधुयस्टि भी कहते है। अंग्रेजी में इसे लिकोरिस कहते हैं। विभिन्न प्रकार के रोगों की एक दवा मुलहठी है जो स्वाद में मधुर, शीतल, पचने में भारी व शरीर को बल देने वाली होती है। जाने इसके अनमोल गुणों के बारे में, जो आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होंगे।

औषधि व माउथफ्रेशनर के रूप में उपयोग की जाने वाली मुलहठी कई लाभप्रद गुणों को समेटे हुए है। छोटे बच्चों के लिए आमतौर पर यह उपयोग में लाई जाने वाली वनौषधियों में से एक है।